गंगा की स्वच्छता सन्देश के लिए तैराक की अनूठी व साहसिक पहल
हरिद्वार से इलाहाबाद का है उनका अगला अभियान
ऑस्ट्रिया में चलते हैं नृत्य कक्षाएं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
ऋषिकेश। ।ऑस्ट्रिया के नृत्य शिक्षक (डांस टीचर) राइन हार्ड कोप उर्फ रियो ने गंगा की स्वच्छता का संदेश देने के लिए श्रीनगर गढ़वाल से ऋषिकेश तक गंगा में 105 किलोमीटर का सफर तैराक बनकर पूरा किया। उनका दावा है कि ऐसा करने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। वह इस अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी भेजेंगे।
46 वर्षीय राइन हार्ड कोप उर्फ रियो ने इसी महीने की 14 तारीख को श्रीनगर गढ़वाल से अपने अभियान की शुरुआत की। 105 किलोमीटर की यात्रा उन्होंने सात पड़ावों में पूरी की। पहला पड़ाव बागवान, दूसरा देवप्रयाग, तीसरा व्यास घाट, चौथा कौड़ियाला, पांचवां पाथो कैंप व्यासी, छठा गूलर और सातवां ऋषिकेश रहा। सोमवार को आखिरी पड़ाव ऋषिकेश पहुंचने पर रियो ने मीडिया से अपने अभियान का मकसद और अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, गंगा स्वच्छता का संदेश देने के लिए उन्होंने ऐसा किया। यह अभियान उनके लिए यादगार रहा।
रियो का कहना है कि उन्हें इस अभियान में कई जोखिमों से भी गुजरना पड़ा। अनुभव साझा करते हुए रियो ने बताया के शिवपुरी के निकट एक जगह पर वह गंगा में उठे एक विशाल भंवर में फंस गये थे। भंवर उन्हें काफी गहराई तक ले गया। मगर, उन्हें खुद पर पूरा भरोसा था और आखिर करीब दस मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद इससे सुरक्षित निकलने में सफल रहे। अभियान में एक सेफ्टी राफ्ट और एक सेफ्टी क्याक भी थी। मगर, उन्होंने सिर्फ बड़े रेपिड पर ही इनका सहारा लिया। रेपिड पर चोटिल होने के चलते वह सुरक्षा बोट पर आ जाते और रेपिड समाप्त होते ही फिर से गंगा में तैरने के लिए कूद जाते थे।
रियो बताते हैं कि सात दिनों सफर में वह रोजाना सात से आठ घंटे तक तैरे। पर्वतीय क्षेत्रों में बहाव तेज होने के कारण वह एक घंटे में दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर रहे थे। मगर, जहां पानी शांत होता वहां तैरने में कठिनाई हुई। बैराज जलाशय में करीब आधा किलोमीटर की दूरी तय करने में ही एक घंटे का समय लग गया।
रियो वैसे तो सर्वहारी हैं। मगर, भारत में वह अक्सर पारंपरिक शाकाहारी भोजन ही पसंद करते हैं। वह प्रतिदिन योग करते थे। योग और शाकाहारी भोजन ने चुनौती को पार करने की ताकत दी।
नृत्य शिक्षक रियो कहते हैं कि गंगा भारत के लिए वरदान से कम नहीं है। गंगा जीवनदायिनी है और यह बात सभी लोगों को समझनी होगी। हरिद्वार तक गंगा स्वच्छ और निर्मल है मगर, इससे आगे दूषित हो चुकी है। इसे प्रदूषण से मुक्त करना होगा। उनके अभियान का उद्देश्य भी उनका यही संदेश देना था।
रियो बताते हैं कि ऑस्ट्रिया में वे नृत्य कक्षाएं संचालित करते हैं। भारत और खासकर, ऋषिकेश से उन्हें बेहद लगाव है। अब तक वह 15 बार ऋषिकेश आ चुके हैं। तैराकी उनका पसंदीदा शौक है और हमेशा इसका अभ्यास करते रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पूर्व दुनिया की सबसे खतरनाक नदी अमेजोना में भी वह इस तरह का अभियान पूरा कर चुके हैं। तब वह एक महीने तक इस नदी के एक ही रूट पर तैरे थे। भारत में भी कई नदियों और झीलों में तैराकी कर चुके हैं।
रियो के इस अभियान को आयोजित करने वाले व्हाइटर वर्ल्ड एक्सपीडीशन के संचालक भीम सिंह चौहान ने बताया कि रियो ने बड़ी कुशलता के साथ इस चुनौती को पूरा किया। आने वाले समय में रियो ने हरिद्वार से इलाहबाद तक गंगा में तैरकर जाने की योजना बनाई है। रियो के अभियान को उनके मित्र ऑस्ट्रिया निवासी मार्क्स ने शूट किया है।
सोमवार को ऋषिकेश में अभियान के समापन अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी ने रियो का स्वागत किया। उन्होंने कहा, साहसिक पर्यटन उत्तराखंड की पहचान है। रियो ने जिस तरह से इस अभियान को पूरा कर गंगा की निर्मलता और स्वास्थ्य का संदेश दिया वह अपने आप में एक सराहनीय पहल है।