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पंचायत चुनाव अब नहीं लड़ पाएंगे दो से ज्यादा बच्चों वाले और दसवीं से कम पढ़े-लिखे

एक बच्चे के बाद जुड़वा होने पर नहीं लगेगी रोक

सत्ताधारी दल ने विपक्ष के आरोपों पर जमकर लगाए ठहाके

विधानसभा सत्र: सदन अनिश्चित काल के लिए हुआ स्थगित

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून :  विधानसभा सत्र के तीसरे दिन हंगामेदार रहा। विधानसभा सभा सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने स्वामी सत्यमित्रानंद के ब्रह्मलीन होने और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के पुत्र अंकुर पांडेय के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ा।

कांग्रेस सदस्यों ने समस्त नियमों का निलंबन करते हुए सरकार के करीबियों पर लेनदेन का आरोप लगाया और इस पर चर्चा की मांग की। वहीं बीते कई महीने पहले सामने आए स्टिंग प्रकरण पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में विपक्ष ने विरोध किया। 

मामले को लेकर जहाँ विपक्ष ने नियम 310 में चर्चा की मांग भी की और वेल में आकर प्रदर्शन किया। वहीं सत्ताधारी दल ने विपक्ष के आरोपों पर जमकर ठहाके लगाये। जिसके बाद सदन कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच पंचायती राज संशोधित विधेयक सदन में पेश किया गया। संसदीय कार्यमंत्री मैदान कौशिक ने कहा कि अब पंचायत चुनाव में केवल दो बच्चों वालों को ही लड़ने का मिलेगा मौका मिलेगा। साथ ही आवेदक की न्यूनतम शेक्षिक योग्यता भी तय कर दी गई है। वहीं इससे पहले हंगामे के बीच सदन में संशोधन के साथ पंचायतीराज संशोधन विधयेक पास हो गया। विधेयक में सामान्य वर्ग के लिए दसवीं और महिला एससी, एसटी के लिए आठवीं पास होना अनिवार्य है। राज्यपाल की मंज़ूरी मिलते ही विधेयक तत्काल लागू हो जाएगा। इसके बाद आने वाले पंचायत चुनाव संशोधित विधेयक के आधार पर ही होंगे। वहीं प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उन लोगों पर दो बच्चों का प्रावधान लागू नहीं होगा, जिनके एक बच्चे के बाद जुड़वा बच्चे होंगे। हालांकि, ऐसे मामलों में बच्चों की संख्या तीन हो जाएगी, लेकिन अधिनियम में इसे दो की श्रेणी में रखा जाएगा।

ईवीएम से भी हो सकता है निर्वाचन का प्रावधान: संशोधन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बैलेट पेपर के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये मतदान के विकल्प को भी शामिल कर लिया गया है। पहले सिर्फ बैलेट पेपर से ही चुनाव का प्रावधान एक्ट में था। संसदीय कार्यमंत्री के मुताबिक चुनाव बैलेट पर कराने हैं या ईवीएम पर ये फैसला लेने का काम राज्य निर्वाचन आयोग का है।

वहीं इससे पहले मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा सत्र की अवधि एक दिन और बढ़ा दी गई गई थी। जिसके बाद बुधवार को भी सत्र चला। पहले सिर्फ दो दिन के लिए सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन विपक्ष ने इस पर एतराज जताया और सदस्यों के सवालों को देखते हुए इसकी अवधि बढ़ाने की मांग की थी। कार्यवाहक संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक के अनुसार, विपक्ष की भावना का सम्मान करते हुए सत्र की अवधि एक दिन और बढ़ाई गई है।

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