CRIME
गिरफ्तारी, सफाई और जेल!
- मामले के खुलने से सरकार ने ली है राहत की सांस
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में एक निजी न्यूज़ चैनल के सीईओ की गिरफ्तारी के बाद शासन में भी हड़कंप मच गया है। मामले में पिछले 24 घंटे के दौरान सीईओ उमेश कुमार की गिरफ्तारी से लेकर वादी के प्रेस के सामने आने समेत कोर्ट द्वारा उमेश कुमार को 8 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजने तक का घटनाक्रम सामने आया है। खास बात ये है कि अधिकारियों द्वारा सरकार के खिलाफ षड्यंत्र के खुलासे की बात कहना ये जाहिर कर रहा है कि मामले के खुलने से सबसे ज्यादा त्रिवेंद्र सरकार ने राहत की सांस ली है।
क्योंकि आयुष ने बताया कि उमेश ने उसे राज्यमंत्री धनसिंह रावत का स्टिंग करने के आदेश भी दिए थे। हालांकि, इससे पहले ही वह उमेश की मंशा को समझ गया और राज्यमंत्री से मुलाकात ही नहीं की। आयुष के मुताबिक उसने मुख्यमंत्री के जिन परिचितों और अधिकारियों से मुलाकात की उन्होंने किसी तरह के लेनदेन की बात नहीं की।
आपको बता दें कि एफआईआर में साफतौर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को स्टिंग में फंसाने की कोशिश की बात कही गयो है साथ ही उक्त स्टिंग का दुरुपयोग करने को भी वादी द्वारा कहा गया है। देहरादून प्रेस क्लब में भी अचानक शिकायकर्ता आयुष गौड़ ने पहुंचकर सबको चौका दिया और इस दौरान आयुष ने सीईओ उमेश कुमार के खिलाफ कई खुलासे किए गए।
- पत्रकार पंडित आयुष गौड़ की तहरीर पर दर्ज किया गया मुकदमा
मुकदमा राजपुर थाने में बीती 10 अगस्त को चैनल के ही पत्रकार पंडित आयुष गौड़ की तहरीर पर दर्ज किया गया था। गौड़ का आरोप है कि उमेश शर्मा राजनेताओं और अधिकारियों का स्टिंग करता है, लेकिन ये स्टिंग चैनल पर प्रसारित नहीं होते। बल्कि, संबंधित लोगों पर दबाव डालकर स्टिंग के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है। आरोप है कि उमेश लगातार गौड़ पर भी कुछ अधिकारियों व मुख्यमंत्री का स्टिंग करने का दबाव बना रहा था। इसी क्रम में उमेश ने इसी साल 12 जनवरी को गौड़ को विश्वास दिलाया कि उत्तराखंड के अधिकारी व राजनेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उमेश ने गौड़ से कुछ टेंडर हासिल करने की बात कहते हुए अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का स्टिंग करने को कहा। कहा कि आठ फरवरी को मृत्युंजय मिश्रा उसे अपर सचिव ओमप्रकाश से मिलवाएगा
उसने गौड़ को वहां कुछ पैसे लेकर जाने और बातचीत में ही अपर मुख्य सचिव को पैसे देने को कहा। इसके लिए गौड़ को कुछ खुफिया कैमरे भी दिए गए। तय तिथि पर गौड़ की मिश्रा से मुलाकात हुई और मुख्यमंत्री से मुलाकात का वक्त भी तय हो गया।
गौड़ ने पुलिस को बताया कि लगभग एक माह तक बातचीत और मुलाकात होती रहीं, लेकिन यह तय नहीं हुआ कि कोई अधिकारी या राजनेता पैसे की मांग कर रहा है। तय वक्त पर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात नहीं हो पाई। लिहाजा उसने स्टिंग नहीं किया। इसके बाद उमेश कुमार शर्मा ने स्टिंग की जिम्मेदारी राहुल भाटिया को सौंप दी। इसके बाद गौड़ और राहुल भाटिया को पांच मई को सीएम आवास पर स्टिंग के लिए भेजा गया।
बावजूद इसके वह कोई स्टिंग नहीं कर पाए। आरोप है कि इस बात का जब उमेश को पता चला तो उसने गौड़ को धमकाया और जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं उसने अपने रुतबे और पैसे की हनक दिखाते हुए उसे गायब कराने की बात भी कही। इस शिकायत के आधार पर उमेश कुमार शर्मा, मृत्युंजय मिश्रा, राहुल भाटिया निवासी पनाष वैली सहस्रसधारा रोड, चैनल के ही पत्रकार व उमेश के भांजे प्रवीण और सौरभ दोनों निवासी गाजियाबाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 386 (जान का भय दिखाकर वसूली करना), 388 (जेल भेजने का डर दिखाकर वसूली करना) और 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
शनिवार को पुलिस न्यायालय से उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ गैर जमानती और घर का सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद कर उसे गाजियाबाद स्थित उसके घर (टावर नंबर 19, फ्लैट नंबर 19241, इंदिरापुरम) से गिरफ्तार कर लिया था। तलाशी में उसके घर से कई फोन, हार्ड डिस्क, पैन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप, 39.73 लाख रुपये, 16279 अमेरिकी डॉलर, 11030 थाई भात बरामद हुए थे। मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उधर, पुलिस की हिरासत में होने के कारण उमेश कुमार शर्मा का पक्ष प्राप्त नहीं हो पाया। जब भी उनका पक्ष प्राप्त होगा उसे भी प्रकाशित किया जाएगा। यहाँ ये बताना जरुरी है की उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार के खिलाफ भी उमेश ने स्टिंग किया था और सरकार अस्थिर हो गई थी। मुख़्यमंत्री हरीश रावत ने उमेश पर गंभीर आरोप लगाए थे ।