सेना प्रमुख बोले कुछ रिपोर्ट होती हैं ‘मोटिवेटेड’
नई दिल्ली: मानवाधिकार के मामले में भारतीय सेना का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। ‘पूरी दुनिया हमारे मानवाधिकार रिकॉर्ड को जानती है। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय सेना मानवाधिकार रिकॉर्ड पर कुछ नहीं कहूंगा। कश्मीर के लोग, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और सभी इससे अच्छी तरह परिचित हैं। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हमें इस रिपोर्ट के बारे में ज्यादा नहीं सोचना है। कुछ रिपोर्ट खास उद्देश्य से प्रेरित होती हैं और कुछ रिपोर्ट मोटिवेटेड होती हैं’। इसके साथ ही सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन को लेकर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन को लेकर अपनी रिपोर्ट दी थी।अब संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग बनाने की सिफारिश की है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों से निपटने के लिये भारतीय सुरक्षा बलों ने अत्यधिक बल प्रयोग किया।जिसकी वजह से ग़ैर कानूनी तरीके से कई नागरिकों की मौत हो गई।अब संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार आयुक्त ज़ैद राद अल हुसैन ने सभी मामलों की जांच के लिये आयोग बनाने की मांग की है।रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र में सामूहिक कब्रों की जांच की जानी चाहिये। यह रिपोर्ट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भी है।रिपोर्ट में पाकिस्तान से भी कहा गया है कि शांति के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं पर जुल्म नहीं ढाने चाहिये।
उधर विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रायोजित बताया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत इस रिपोर्ट को खारिज करता है। यह रिपोर्ट भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में हस्तक्षेप करती है।यह रिपोर्ट जानबूझकर कुछ असत्यापित घटनाओं का चयन कर बनाई गई है।ज्ञात हो कि भारत ने रिपोर्ट पर यह भी कहा था कि यह चिंता की बात है कि इस रिपोर्ट में यूएन से घोषित आतंकवादियों को नेता और हथियारबंद गुट कहा गया है।