UTTARAKHAND

श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में नियुक्ति घोटाला : बैक डोर से तीन रिश्तेदारों की एन्ट्री

BKTC का अस्तित्व समाप्त होने से ठीक पहले 17 लोगों को बना डाला मंदिर समिति का कर्मचारी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : देवस्थानम बोर्ड के गठन का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अस्तित्वविहीन हो चुकी श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में नियुक्तियों का घोटाला आजकल चर्चाओं में है, जो सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को धत्ता बताने के लिए काफी है। चर्चाओं में यह बात सामने आ रही है कि मंदिर समिति के बड़े पदाधिकारियों ने मंदिर समिति का अस्तित्व समाप्त होने से ठीक पहले ऐसा षड्यंत्र किया कि 17 लोगों को मंदिर समिति का कर्मचारी बना डाला। नियुक्ति के इस ”खेल” में  मंदिर समिति के एक्ट को भी दरकिनार करते हुए अपनों को जमकर रेवड़ियां बांटी गई है।

सूत्रों ने बताया है कि यह ‘खेल” इस लिए खेला गया ताकि देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने से पहले नौकरी पाने वाले देवस्थानम बोर्ड में भी नौकरी के ”हकदार” बनें। इस गड़बड़ घोटाले में मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। क्योंकि उनके ही कार्यकाल में यह ”खेल” खेला गया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ-केदार मंदिर समिति 1939 एक्ट की धारा 15 (4) के मुताबिक मंदिर समिति में नियुक्तियां तभी होंगी जब नियुक्ति की संस्तुति उप समिति करती है। जबकि नियुक्ति के लिए उप समिति को भी मानव संसाधन उप समिति का प्रस्ताव भेजा जाना अनिवार्य है लेकिन यहाँ इस तरह की सभी औपचारिकताओं को नज़रअंदाज़ करते हुए 17 लोगों को पिछले दरवाजे से नियुक्ति दे दी गयी।

चर्चाएं आम हैं कि अभी नियुक्तियां मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल के निर्देश पर की गयी हैं, इतना ही नहीं सूत्रों का कहना है कि जिन 17 लोगों में से तीन लोगों की नियुक्ति की गयी है वे निवर्तमान अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल के निकट के रिश्तेदार हैं। जिनमें ममता भट्ट साली की बेटी, रेखा लखेड़ा भाई की साली और आशीष देवराड़ी बेटे का साले की नियुक्ति चर्चाओं में है। जबकि शेष नियुक्तियों में मोटा ”खेल” खेला गया है। 

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