- गैरसैंण में मिनी सचिवालय की घोषणा को बताया साजिश
गैरसैंण : विधानसभा बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाये जाने की मांग को लेकर गुरुवार को आंदोलनकारियों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान नारेबाजी कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने जमकर लाठी चार्ज कर दिया। लाठी चार्ज से बौखलाए आंदोलनकारियों ने इसके बाद मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। जिससे वहां यातायात बाधित हो गया।
स्थायी राजधानी की मांग को लेकर गैरसैंण में आंदोलन तेज हो गया है। इस दौरान पुलिस की ओर से किए जा रहे बल प्रयोग से लोगों में भारी गुस्सा है। पुलिस ने जाम लगा रहे आंदोलकारियों को जबरन उठाया। इसके बाद गुरुवार को फिर से पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग किया। वहीं आक्रोश में पूरा गैरसैंण बाजार बंद रहा। वाहनों के भी पहिए जाम रहे।
गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग लेकर सड़क पर उतरेआक्रोशित आंदोलनकारियों को पुलिस बल नियंत्रित नहीं कर पाया तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया वहीं लाठीचार्ज के बाद भी अंदोलनकारी थमे नहीं। वे बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ते गए।इसके चलते पुलिस ने करीब 40 से अधिक आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया। तब जाकर वहां जाम खुल पाया ।
वहीँ गैरसैंण में मिनी सचिवालय खोलने के त्रिवेंद्र सरकार के निर्णय को आंदोलनकारियों ने बड़ी साजिश बताया है। आंदोलनकारियों ने सरकार के इस कदम को स्थाई राजधानी गैरसैंण के लिए चल रहे आंदोलन को कमजोर करने की चाल करार देते हुए सरकार से मांग की है कि वह इधर-उधर की बात करने के बजाय गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करे।
‘स्थाई राजधानी गैरसैंण संघर्ष समिति’ के प्रदेश अध्यक्ष चारु तिवारी ने कहा कि, राज्यपाल के अभिभाषण में भराड़ीसैंण में मिनी सचिवालय खोले जाने का जिक्र है जो कि स्पष्ट तौर पर यह दिखाता है कि, मौजूदा सरकार भी गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी नहीं बनाना चाहती।’ चारु तिवारी ने कहा कि गैरसैंण को राजधानी घोषित किए बगैर भराड़ीसैंण में किया जाने वाला हर निर्माण कार्य छलावा है।
उन्होंने कहा कि, जब भराड़ीसैंण में विधान सभा भवन के साथ ही विधायकों और अधिकारियों के रहने के लिए आवास बन चुके हैं, और सरकार मिनी सचिवालय खोलने की बात भी कह रही है तो फिर स्थाई राजधानी की घोषणा क्यों नहीं करती? तिवारी ने कहा कि, इससे पहले भी गैरसैंण में मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा हुई थी, जिसका हश्र सबके सामने है.
इन्होंने कहा कि, मिनी सचिवालय की घोषणा कर सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है ताकि दिनो-दिन जोर पकड़ रहे आंदोलन को कमजोर किया जा सके। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि, यदि इसी बजट सत्र में गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया गया, तो प्रदेशभर से जनता सड़कों पर उतरेगी।
संघर्ष समिति अध्यक्ष नारायण सिंह ने कहा कि उनकी जायज मांग को मानने के लिए न तो जनप्रतिनिधि की आ रहे हैं, नही ही प्रशासन अधिकारी। इससे आंदोलन करने के सिवाय उनके पास अब कुछ भी नहीं बचा है। शाम सवा चार बजे प्रशासन ने आंदोलनकारियों को चेतावनी, लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिस ने बल प्रयोग कर आंदोलनकारियों को जबरन उठाया। इस दौरान महिलाओं और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा गया। पुलिस पर आरोप है कि आंदोलकारियों पर लात घूसे मारे गए। लाठी भांजी गयी। वहां से जबरन उठाकर उन्हें वाहनों में भरा गया। आंदोलकारियों को मेहलचौंरी अस्थायी जेल लाया गया।