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आपदा में बह गई आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि अब लेने लगी है आकार

वर्ष 2013 की आपदा के दौरान आये भीषण सैलाब में बह गयी थी आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि

दर्जनों मजदूर कड़ाके की ठण्ड के बावजूद केदारनाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि को दे रहे मूर्त रूप 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

गुप्तकाशी :  केदारनाथ धाम के कपाट भले ही बंद हो गए हैं लेकिन यहां प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के केदार का निर्माण आज भी जारी है।  दर्जनों मजदूर कड़ाके की ठण्ड के बावजूद केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्य को मूर्त रूप देने में जुटे हुए हैं।  आजकल जिस महतवपूर्ण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है वह है आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का, जो वर्ष 2013 की आपदा के दौरान आये भीषण सैलाब में बह गयी थी। 

उल्लेखनीय है कि केदारपुरी में जिन पांच योजनाओं का शिलान्यास अक्टूबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, उनमें से चार योजनाओं का काम पूरा हो चुका है। इन योजनाओं में मंदिर के सामने पैदल मार्ग का चौड़ीकरण और चबूतरे का निर्माण, गरुड़चट्टी को केदारनाथ से जोड़ना, मंदाकिनी नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य और घाट का निर्माण और तीर्थ पुरोहितों के लिए भवनों का निर्माण थे।

आजकल अब आदि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण कार्य जारी है। केदारपुरी में इन दिनों सुबह-शाम कड़ाके के ठंड है और तापमान शून्य से नीचे पहुंच जा रहा है। इसी रविवार को बर्फबारी होने के बाद तो ठंड काफी बढ़ गई है। बावजूद इसके मजदूर दिनभर निर्माण में जुटे रहे। समाधि का निर्माण कर रहे वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि समाधि का निर्माण तीन चरणों में पूरा होना है।

प्रथम चरण में 40 मीटर गोलाई वाला छह मीटर गहरा तैयार कर लिया गया है। दूसरे चरण में आरसीसी से निर्माण होना है, जो इन दिनों किया जा रहा है। जबकि, अंतिम चरण में सुंदरीकरण का काम होगा। बताया कि समाधि पर आठ एमएम से लेकर 25 एमएम मोटाई का कुल 400 टन सरिया लगेगा। अब तक सौ टन सरिया इस्तेमाल किया जा चुका है, जबकि 300 टन सरिया जनवरी तक घोड़े-खच्चर और मजदूरों की मदद से धाम में पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 करोड़ की लागत से समाधि का निर्माण होना है। समाधि कपाट खुलने से पहले बनकर तैयार हो जाएगी। अगर मौसम ने कोई बड़ी बाधा खड़ी न की तो तय समय से पहले काम के पूर्ण होने की उम्मीद है।

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