- योगी को लिखे भावुक पत्र में उत्तराखंड के लोगों की भेजी भावनायें
- स्व. गढ़वाली जी के परिवार को हर सम्भव मदद का दिया भरोसा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड के वीर सिपाही पेशावर काण्ड के महानायक स्व. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के परिवार को उत्तर प्रदेश वन विभाग के बेदखली के नोटिस पर उत्तराखंड में खासी हलचल मच गयी है। प्रदेश सरकार में शामिल वन मंत्री तथा कोटद्वार विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी को एक भावुक पत्र लिखकर उत्तराखंड के लोगों की भावनाओं से रूबरू ही नहीं कराया बल्कि उन्होंने देश की आज़ादी के महानायक के लिए अपनी जिम्मेदारी और उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी का भी पत्र में उल्लेख करते हुए स्व. गढ़वाली जी के परिवार को उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता तथा लीज माफ करने करने की बात कही है। वहीं डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड सरकार की ओर से स्व. गढ़वाली जी के परिवार को हर सम्भव मदद करने का भरोसा भी दिया गया है।
गौरतलब हो कि ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ पहले खुले सैनिक विद्रोह करने वाले वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का जन्म 25 दिसम्बर 1891 को हुआ था. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली ने 23 अप्रैल 1930 को पेशावर में जंगे आजादी की लडाई लड़ रहे निहत्थों पठानों पर जब ब्रिटिश हुकुमत के गोली चलाने के आदेश को मानने से इंकार कर दिया तो उन्हें इसकी सजा काला पानी के रूप में चुकानी पड़ी। उन्होंने जिस देश के लोकतंत्र की खातिर अंग्रेजों के खिलाफ खुला सैनिक विद्रोह कर कालापानी की सजा पाई थी उसी गढ़वाली के परिजनों को आज़ाद हिन्दुस्तान के हुक्मरानों ने अवैध अतिक्रमणकारी घोषित कर उनके स्वाभिमान को ठेस पहुँचा दी है। जंगे आज़ादी के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली द्वारा ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सैनिक विद्रोह से लेकर जन आंदोलनों से अंग्रेज इतने बौखला गये थे कि उनकी सारी संपति जब्त कर उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया था।
इतना ही नहीं जंगे आज़ादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले गढ़वाली जी के योगदान को देखते हुए सरकार द्वारा अभिभाजित उत्तर प्रदेश के दौरान कोटद्वार के हल्दुखाता में लीज पर कुछ जमीन उनके परिजनों के साथ गुजर बसर के लिए दी गई। लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद से इस लीज की ज़मीन को लेकर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को वन विभाग द्वारा लगातार परेशान किया जाता रहा। सबसे शर्मनाक बात तो अब ये हो गयी की जब वीर गढ़वाली के परिजनों को वन विभाग ने अतिक्रमणकारी घोषित कर उन्हें यह ज़मीन खाली करने का लिखित फरमान सुना दिया। जिस देश की आज़ादी के लिए वीर गढ़वाली ने कालापानी की सजा भुगतने के साथ ही अंग्रेजो की दर्दनाक यातनाएं झेली थी। उन्हें उस देश को छोड़ कर पाकिस्तान में शरण लेने के लिए प्रधानमंत्री से गुजारिश करनी पड़ रही है, इस फरमान ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को बहुत लज्जित कर दिया है।
उत्तराखंड के वीर सिपाही पेशावर काण्ड के महानायक स्व. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के परिवार को प्राप्त उत्तर प्रदेश वन विभाग के बेदखली नोटिस पर उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री तथा कोटद्वार विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी जी को पत्र प्रेषित कर स्व. गढ़वाली जी के परिवार को उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता तथा लीज माफ करने हेतु पत्र प्रेषित किया। डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड सरकार की ओर से स्व. गढ़वाली जी के परिवार को हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया है । डॉ. रावत इस पत्र को लेकर उत्तराखंड में सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी है।