राष्ट्रीय शोक की इस घड़ी में देश को अपनी संवेदनाओं को प्रकट करने के साथ यह भी संदेश देना होगा कि वह इस आघात से उबरेगा और कहीं अधिक दृढ़ता के साथ अपनी एकजुटता का भी प्रदर्शन करेगा।
कमल किशोर डुकलान
देवभूमि मीडिया ब्योरो। सी डी एस जनरल विपिन रावत सपत्निक 11 सैन्य अधिकारी, कर्मियों की निधन की इस राष्ट्रीय शोक की घड़ी में देश को अपनी संवेदनाओं को प्रकट करने के साथ कहीं अधिक दृढ़ता के साथ अपनी एकजुटता का भी प्रदर्शन करेगा। यह घटना इसलिए और अधिक अकल्पनीय एवं आघातकारी है, क्योंकि जनरल रावत और उनके सहयोगी वायु सेना के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले हेलीकाप्टर में सवार थे।
जनरल बिपिन रावत के रूप में देश ने अपने पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ को ही नहीं, बल्कि एक अप्रतिम योद्धा को भी खोया है। वह जितने बहादुर,उतने ही बेबाक थे। वे हर चुनौती का सामना करने के लिए सदैव न केवल तत्पर दिखते थे,बल्कि अपनी बातों से जनता को यह भरोसा भी दिलाते थे उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित हाथों में है। यह बात उनके जैसा कोई असाधारण योद्धा ही कह सकता था कि भारतीय सेनाएं ढाई मोर्चो पर लड़ने यानी चीन और पाकिस्तान के साथ देश में छिपे शत्रुओं का भी सामना करने में सक्षम थी।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश ने उनके जैसे पराक्रमी सैन्य अफसर को एक ऐसे समय खो दिया,जब वह चीन की आक्रामकता का सामना करने की तैयारियों को आगे बढ़ाने के साथ अफगानिस्तान के हालात से उपजी चुनौतियों का जवाब खोजने में लगे हुए थे। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के रूप में जब वह देश के सैन्य तंत्र को नया आकार देने में लगे हुए थे, तब उनका जाना कहीं अधिक दुखद है।
देश उनके योगदान को भूल नहीं सकता-इसलिए और भी नहीं,क्योंकि उन्होंने कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी कई अभियानों को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। कारगिल संघर्ष में भागीदारी करने के साथ उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को भी अंजाम दिया था।
शौर्य के ऐसे पर्याय और प्रतीक शूरवीर को पालम एयरपोर्ट पर देश के प्रधानमंत्री सहित देश के सभी विशिष्ट जनों ने अपनी शोक संवेदनाओं में जनरल विपिन रावत सहित सभी 11 सैन्य अधिकारी, कर्मी सूरवीरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।