UTTARAKHAND

अभिनव थापर ने अहमदाबाद से नौ प्रवासियों को अपने दम पर पहुंचाया गांव

आईजी संजय गुंजियाल और अभिनव थापर के प्रयासों से पहुंचे बेरीनाग 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून :  पूरे भारत मे लॉक-डाउन के कारण प्रदेश के लाखों प्रवासी फंसे हुए है। सरकारी तंत्र के काम करने के बाद भी मदद आम लोगों तक नही पहुँच रही फिर भी समाज के कुछ लोग प्रवासियों के सहयोग के लिये अपने स्तर से प्रयास कर रहे है। इसका एक ताजा उदाहरण रेड-ज़ोन अहमदाबाद में महीनों से फंसे हुये परेशान नौ युवकों को उनके उत्तराखंड के मूल गांव- बेरीनाग, पिथौरागढ़ पहुंचाने में सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर के सहयोग करने का सामने आया।
गिरधर सिंह मेहरा अपने 9 साथियों समेत अहमदाबाद में फंसे थे और अप्रैल में उत्तराखंड सरकार ने प्रत्येक प्रदेश/महानगर में फंसे उत्तराखंड में प्रवासियों के लिये अफसरों की मोबाइल नम्बर सहित सूची जारी करी, उन सबके कई प्रयासों से बाद भी किसी से कोई संपर्क नही आया। तब उनमें से एक साथी गिरधर सिंह मेहरा ने अपने परिचित अभिनव थापर को देहरादून में फोन कर सहायता मांगी। थापर ने उनको लिंक भेज उनका रेजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल को करवाया, किन्तु जब अहमदाबाद से उत्तराखंड के लिये पहली ट्रेन की लिस्ट को निकली और उसमें उनमे से किसी का नाम नही आया तो वह सब परेशान हो गए। कई जतन करने पर भी उनका नाम अहमदाबाद से किसी भी ट्रेन लिस्ट में नही आ पाया, उन्होंने थापर को पुनः देहरादून में सूचित किया। इस पर अभिनव थापर ने उनकी रेजिस्ट्रेशन डिटेल और विषय के बारे में प्रवासियों की व्यवस्था को देखने वाले मुख्य-अधिकारी आईजी संजय गुंजियाल को बताया। गुंजियाल ने विषय को गंभीरता से लेते हुय उसपर “कंट्रोल रूम” के अपने अधीनस्थ अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये और “अहमदाबाद से लालकुआं 16 मई ” ट्रैन के चलने से कुछ समय पूर्व ही उन सभी 9 युवकों का नाम अगली ट्रेन में सूचीबद्ध करवाया।
गिरधर सिंह मेहरा ने बताया “हम नौं लोग अहमदाबाद स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत थे और कोरोना लॉकडौन में महीनों वहीं फंस गए। सरकार ने जिन नम्बरों की लिस्ट निकली तो हमारा किसी भी नंबर से संपर्क नही हो पाया, तब मैनें देहरादून निवासी अभिनव थापर को फोन कर मदद मांगी, उन्होंने हमारे रेजिस्ट्रेशन करवाया किन्तु जब हमारा नाम अहमदाबाद से उत्तराखंड आने वाली पहली ट्रेन में नही आया और न ही कोई confirmation मैसेज आया तो हमको एक बार लगा कि अब हमारा अपने गांव आना मुमकिन नहीं हो पायेगा पर थापर ने न सिर्फ हमारा नाम बिना मैसेज के लिस्ट में डलवाया अपितु हमारा हौसला भी बनाये रखा। हम 16 मई को अहमदाबाद से निकल कर 19 मई को सारे नियमों का पालन करते हुए आने गांव सकुशल पहुंच गये। थापर जब कुमाऊं इंजीनियरिंग कालेज द्वाराहाट में अध्यक्ष रहे तब मैं वहाँ एक कैंटीन में मैनेजर था, न मैने 15 साल से अधिक समय से थापर से मुलाकात नही की और न ही बाकियों से वह परिचित थे किन्तु तब भी उन्होंने निस्वार्थ हम सबकी मदद करी। मै और मेरे साथी अभिनव थापर और उत्तराखंड सरकार के सहयोग के आभारी है।”
अभिनव थापर ने बताया की गिरधर सिंह मेहरा उनके कुमाऊँ इंजीनियरिंग कॉलेज, द्वाराहाट के अपने अध्य्यन काल से मित्र रहे हैं और जब गिरधर ने अपना और अपने साथियों का जब कष्ट उनको बताया तो उन्होंने अपने स्तर से उनका रेजिस्ट्रेशन करवाने में सहयोग किया किंतु जब उन लोगों ने बताया कि अभी तक न तो उनको कोई मैसेज आया और न ही किसी का नाम लिस्ट में आया जबकि एक ट्रेन उत्तराखंड के लिये निकल भी चुकी है। फिर थापर ने पूरे विषय को प्रवासियों की व्यवस्था को देखने वाले मुख्य-अधिकारी आईजी संजय गुंजियाल को बताया। गुंजियाल ने विषय को गंभीरता से लेते हुय उसपर “कंट्रोल रूम” के अपने अधीनस्थ अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये और “अहमदाबाद से लालकुआं 16 मई ” ट्रैन के चलने से कुछ समय पूर्व ही उन सभी 9 युवकों का नाम अगली ट्रेन में सूचिबद्ध करवाया। थापर ने सबको सकुशल अपने गांव पहुंचाने के लिये आई० जी० संजय गुंजियाल व उनकी टीम को उनकी तत्पर कार्यवाही हेतु धन्यवाद किया।
अहमदाबाद से सकुशल बेरीनाग, पिथौरागढ़ पहुँचने वालों में गिरधर सिंह के साथ हेमंत सिंह, दिनेश कुमार, कमलेश कुमार, पुष्कर सिंह, मदन राम, सोनू सिंह, मनोज कुमार व देवेंद्र कुमार रहे और सभी अहमदाबाद जैसे रेड-ज़ोन से अपने गांव पहुंचने पर सुकून में है।

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