शुक्रवार को ब्रह्ममुहूर्त में खुलेंगे बदरी धाम के कपाट
शासन ने केवल 28 लोगों को ही कपाटोद्घाटन के दौरान मौजूद रहेने की दी है अनुमति
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देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधामों में शुमार बाबा बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार यानि 15 मई को चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में ब्रह्ममुहूर्त की बेला पर खोले जाएंगे। कपाटोद्घाटन की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रावल की अगुवाई में आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा गुरुवार सायं बदरीनाथ धाम पहुंच गया है। अब शुक्रवार 15 मई की सुबह 4ः30 बजे पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ बदरी विशाल के कपाट खोले जाएंगे।
गौरतलब हो कि बीते 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल चुके हैं। जबकि 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए हैं। इसी क्रम में अब 15 मई को बदरी विशाल के कपाट खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम के परिसर की रंगाई-पुताई और सैनिटाइजेशन का काम पूर्ण किया जा चुका है।
वहीं वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। इसका सीधा असर चारधाम यात्रा पर पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि, तीन धामों के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते अभी तक आम श्रद्धालुओं को इन धामों तक पहुँचने की इज़ाजत नहीं है, यही कारण है कि अभी चार धाम यात्रा की जो रौनक यात्रा मार्ग पर नज़र आती रही है वह अभी गायब है।
कोरोना ख़ौफ़ के बीच अब 15 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं। हालांकि इस बार कपाट तो पूरी विधि-विधान से खोले जाएंगे, लेकिन यात्रा पूरी तरह बाधित रहेगी। इतना ही नहीं कोरोना वायरस के चलते बदरी विशाल के कपाट खुलने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जाएगा। जिला प्रशासन ने केवल 28 लोगों को ही कपाटोद्घाटन के दौरान मौजूद रहेने की अनुमति दी है।
गौरतलब हो कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा चलाने को लेकर पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव भेज चुकी है। क्योंकि, उत्तराखंड की आर्थिकी का एक मुख्य स्रोत प्रदेश में चले वाला धार्मिक पर्यटन है। लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड की आर्थिकी को बड़ा नुकसान पहुंचा है। लिहाजा, उत्तराखंड सरकार सीमित संख्या में पर्यटन को चलाने की अनुमति केंद्र सरकार से पहले ही मांग चुकी है। लेकिन अभी तक केंद्र से इसपर सहमति नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि 17 मई के बाद व लॉक डाउन -03 के समाप्त होने पर केंद्र सरकार चारधाम की यात्रा और पर्यटन को सीमित संख्या में चलाने की मंजूरी दे सकती है।
धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि बदरी विशाल के रावल का क्वॉरेंटाइन समय पूरा होने के बाद अब वो शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन को देखते हुए बहुत कम पुजारियों को ही कपाट खुलने के दौरान मौजूद रहने की अनुमति दी गई है। क्योंकि, कोरोना वायरस के कहर की वजह से और इसके संक्रमण को देखते हुए बदरीनाथ धाम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कपाट खोले जाएंगे।
वहीं बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ से निकलकर पांडुकेश्वर पहुंच चुकी है। लेकिन गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ बहुत कम लोग ही शामिल हुए हैं। हालांकि, पिछले सीजन में करीब तीन से चार हजार लोग गद्दी की यात्रा में शामिल होते थे। धर्माधिकारी ने बताया कि कपाट खुलने के बाद भगवान बदरीनाथ की अर्चना करेंगे और कोरोना वायरस से विश्व को मुक्त करने की प्रार्थना करेंगे। वहीं, डिमरी पंचायत समाज के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।