COVID -19Science & Technology
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से कोविड-19 का पता लगाएंगे भारतीय वैज्ञानिक
लखनऊ स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) एवं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की पहल
डेटासेट में कोविड-19, निमोनिया, सार्स, सामान्य फ्लू से ग्रस्त मरीजों तथा सामान्य लोगों के चेस्ट एक्स-रे का उपयोग किया जा रहा है
नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कोविड-19 की पहचान के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने अब एक नई पहल की है। लखनऊ स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) एवं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की इस पहल के अंतर्गत कोविड-19 की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डायग्नोसिस टूल विकसित किया जा रहा है।
दोनों संस्थानों की इस संयुक्त परियोजना के तहत कोविड-19 रोगियों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉडल विकसित किये जा रहे हैं, जिसमें विश्लेषण के लिए एक्स-रे इमेज का उपयोग किया जाएगा। एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक एवं केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट के संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।
प्रोफेसर पाठक ने बताया कि “हमारी कोशिश एक सटीक डायग्नोसिस टूल विकसित करने की है, जिसके लिए उपयुक्त डेटासेट की उपलब्धता महत्वपूर्ण हो सकती है।” प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने बताया कि “इस अध्ययन के दौरान डेटासेट से संबंधित आंकड़े केजीएमयू से मिलेंगे। जबकि, एकेटीयू के वैज्ञानिक मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से मॉडल को विकसित करेंगे। इस मॉडल को विकसित करने के बाद इसकी मदद से कोविड-19 मरीजों की पहचान की जा सकेगी।”
शोधकर्ताओं का कहना है कि डिस्क्रीमनेट्री फीचर्स के उपयोग से इस मॉडल को प्रशिक्षित किया जाएगा। अध्ययन के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स मॉडल में छाती की एक्स-रे इमेज के लेबल किए हुए डेटासेट का उपयोग किया जाएगा। डेटासेट में कोविड-19, निमोनिया, सार्स, सामान्य फ्लू जैसे रोगों से ग्रस्त मरीजों तथा सामान्य लोगों के चेस्ट एक्स-रे का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह प्रणाली कोविड-19 को अन्य बीमारियों से अलग कर सके। इस मॉडल में स्वचालित वर्गीकरण के लिए डीप लर्निंग सीएनएन नेटवर्क का भी उपयोग किया जाएगा।
प्रोफेसर पाठक ने बताया कि “कुछ अन्य संस्थान भी इस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल को विकसित करने के लिए मेडिकल इमेज आधारित नमूने उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं। इन संस्थानों में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, इटावा, राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोटा और सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा शामिल हैं।
इंडिया साइंस वायर