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MP में राजनीतिक घमासान : 20 मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफा सौंपा

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को बनाया जा सकता है पीसीसी चीफ बनाने के साथ डिप्‍टी सीएम 

कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)  के नाम पर नहीं हैं राजी 

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश का राजनीतिक संकट गरमा गया है। सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath)ने सोमवार शाम को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की और फौरन ही भोपाल रवाना हो गए। इसके बाद भोपाल में लगातार बैठकों का दौर जारी रहा। सूत्रों के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को पीसीसी चीफ बनाने के साथ डिप्‍टी सीएम भी बनाया जा सकता है। हालांकि कमलनाथ उनके नाम पर राजी नहीं हैं। उधर सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों के फोन स्विच ऑफ हैं। खबर है कि सिंधिया समर्थक 6 मंत्री और 12 विधायक बंगलुरू में हैं।

सीएम कमलनाथ  ने जारी किया ये बयान

कैबिनेट बैठक खत्‍म हो गई है। जबकि मध्‍य प्रदेश में जारी सियासी ड्रामे के बीच सीएम कमलनाथ ने एक बयान जारी किया है। उन्‍होंने कहा कि मैं सूबे में माफिया के सहयोग से अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा। प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरे लिए सबसे बड़ी शक्ति है। साथ ही कमलनाथ ने कहा कि अब इस मामले पर दिल्‍ली से जो भी फैसला होगा वह सभी को मानना होगा। इसके अलावा कमलनाथ समर्थक सभी 20 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सीएम को सौंपा है। मंत्री सज्जन सिंह ने कहा कि बीजेपी का घृणित प्रयास है, सरकार 5 साल चलेगी। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, सीएम पर निर्भर करता है कि वो कौन सा फैसला लेंगे। इसके अलावा मंगलवार सुबह 11:30 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।

भाजपा अध्‍यक्ष ने कहा : कांग्रेस आंतरिक संकट से गुजर रही

एमपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह रिमोट कंट्रोल से ये सरकार चला रहे हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस आंतरिक संकट से गुजर रही है। जबकि भाजपा के विश्‍वास सारंग ने कहा कि जब से सरकार बनी है तब से सिर्फ असंतोष की आग में जल रही है।

राज्यपाल ने कैंसिल की छुट्टी

एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी छुट्टी कैंसिल कर दी है। राजभवन के सूत्रों के हवाले से ये खबर मिल रही है। दरअसल, राज्यपाल लालजी टंडन लखनऊ गए हुए थे, लेकिन राजनीतिक आपाधापी के बीच उनके भोपाल वापस लौटने की जानकारी मिल रही है। राज्यपाल मंगलवार को वापस लौट रहे हैं।

वन मंत्री उमंग सिंगार ने कहा : आलाकमान दिल्ली से इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है

वहीं कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंगार का कहना है कि कांग्रेस में हर तरह के रास्ते खुले हुए है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान दिल्ली से इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सिंधिया से बातचीत कर रही हैं। साथ उन्होंने यह भी कहा कि एमपी में कमलनाथ सरकार पूरी तरह स्थिर है। इस मामले में चले आ रहे विवाद पर और सिंधिया की नाराजगी पर सिंगार का कहना है कि किसी भी तरह की नाराजगी होगी तो पार्टी हाईकमान इसका समाधान निकालेगा।

मध्‍य प्रदेश का राजनीतिक गणित

एमपी विधानसभा में 230 सीटे हैं। जबकि विधानसभा में फिलहाल विधायकों की संख्या 228 है। इसमें कांग्रेस के 114 और बीजेपी के 107 विधायक हैं। निर्दलीय विधायकों की संख्या 4 है, जिसमें बीएसपी के 2 और एसपी का 1 विधायक है। यही नहीं, एमपी में पूर्ण बहुमत के लिए 116 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। विधानसभा में फिलहाल 2 सीटें रिक्त हैं। अगर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना पाला बदलते हैं, तो कमलनाथ सरकार के लिए सियासी संकट गहरा सकता है।

सिंधिया समर्थक मंत्री- विधायकों ने किए अपने फोन बंद

इस बीच सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों का नया पैंतरा सामने आया है। सिंधिया खेमे के मंत्रियों और विधायकों के फोन स्विच ऑफ हैं। इसमें विधायक जसवंत जाटव, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया के अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला विकास मंत्री इमरती देवी और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जैसे बड़े नाम शामिल हैं। पता चला है कि ये 6 मंत्री और 12 विधायक बंगलुरू में हैं।

सिंधिया के समर्थक ये हैं 6 मंत्री और 12 विधायक

सिंधिया के समर्थक मंत्रियों में तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, प्रधुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी,प्रभुराम चोधरी और महेन्द्र सिसोदिया शामिल हैं। जबकि विधायकों में मुन्ना लाल गोयल, गिरिराज दंडोतिया, ओपीएस भदोरिया, विरजेंद्र यादव, जसपाल जजजी, कमलेश जाटव, राजवर्धन सिंह, रघुराज कंसना, सुरेश धाकड़, हरदीप डंग और रक्षा सिरोनिया जसवंत आदि शामिल हैं।

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