कश्मीर में तैनात सैनिकों को दिया जाय आत्मरक्षा का अधिकार : शंकराचार्य
- फर्जी शंकराचार्यों को राजनैतिक दलों ने ही है पनपाया
- राम मंदिर निर्माण में सरकारों की इच्छाशक्ति जरूरी
- कथित शंकराचायों की पहचान अब भाजपायी, कांग्रेसी व सपाई शंकराचार्यों के रूप में
- जो राम का नहीं हुआ वह किसी का नहीं हो सकता
ऋषिकेश : देश में आम आदमी को आत्मरक्षा का अधिकार है तो कश्मीर में सेना को यह अधिकार क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सेना का धैर्य टूटता है और सेना बगावत पर उतरती है तो देश के हालात पाकिस्तान जैसे हो जाएंगे। यह बात शुक्रवार को यहाँ श्री गोवर्धन मठ पूरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कही। उन्होंने कहा राजनैतिक दलों की कार्यप्रणाली से हमारे सैनिक अपने ही देश में सुरक्षित नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा पाकिस्तान के मुद्दे को सरकार को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
हिंदू जागरण मंच की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में पूरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आज राजनैतिक दल वोटों की राजनीति के कारण पाकिस्तान जैसे गंभीर मुद्दे को हल्के में ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में जवानों की पाक पोषित आतंकवादी और पाक सैनिक निर्मम हत्या कर रहे हैं। इन दलों की कार्यप्रणाली के कारण अपने देश में ही हमारे सैनिक सुरक्षित नहीं हैं। भारतीय सेना पर पत्थरबाजी की हो रही घटना पर शंकराचार्य ने कहा कि आम आदमी को देश में आत्मरक्षा का अधिकार है तो कश्मीर में सैनिकों को यह अधिकार क्यों नहीं दिया जाता।उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा यदि इन हालातों में हमारी सेना का सब्र टूटा तो देश के हालात पाकिस्तान जैसे होने में देर नहीं लगेगी।
देश में राजनैतिक गठबंधन को देश हित के विरुद्ध बताते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए यह गठबंधन होते हैं। आज आजाद होने के बावजूद भी देश सैद्धांतिक धरातल पर प्रतंत्र की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने देश की मूल समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा वर्षों से लटका है, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 अब तक लागू है। शंकराचार्य ने कहा कि भारत देश ने मुस्लिम समाज के कई लोगों को राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल और मंत्री बनाया। मगर बांग्लादेश व पाकिस्तान बताए कि कितने हिंदुओं को उच्च पदों पर बिठाया गया। यह हमारी उदारता है, इसे कमजोरी न समझा जाए।
शंकराचार्य ने गो हत्या पर चिंता जताते हुए कहा कि आज कोई भी राजनैतिक दल ऐसा नहीं है जो गो हत्या रोकने के लिए एक स्वर से प्रस्ताव पारित कर सके। इन कारणों से आज गोवंश संकट में है। गो हत्या पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह भी गो हत्या रोकने में असफल नजर आ रहे हैं। यूपी में सैकड़ों अवैध बूचडख़ाने चल रहे हैं। उन्होंने भारत में विदेशी सामान की बिक्री प्रतिबंधित किए जाने की पैरवी करते हुए कहा कि विदेशी कंपनियां हमारे देश का पैसा हमारे ही देश के अहित में लगा रही हैं।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि मान्यता के मुताबिक चार पीठ के चार शंकराचार्य परंपरानुसार हैं। मगर, आज देश में शंकराचार्यों की जो बाढ़ आई है, इन्हें पनपाने वाले देश के राजनैतिक दल हैं। शंकराचार्यों की ओर से विश्व का ध्यान भटकाने के लिए अंग्रेजों ने साधारण लोगों को महात्मा, आचार्य और महर्षि के रूप में स्थापित किया। आजादी के बाद राजनैतिक दलों ने इस तरह के शंकराचार्यों को बढ़ाया। भारत साधु समाज के नाम से यह काम किया गया। उन्होंने कहा कि इन कथित शंकराचायों की पहचान, भाजपायी, कांग्रेसी व सपाई शंकराचार्यों के रूप में होती है।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में राम मंदिर मसले पर कोर्ट के आने वाले फैसले से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि यदि न्यायालय का फैसला राम जन्मभूमि के अनुकूल भी आता है तो भी इसके क्रियान्वयन पर संशय है। क्योंकि लोकसभा के साथ कई राज्यों के चुनाव भी इस दौरान होने हैं। सरकार इस फैसले को क्रियान्वित कर भी पाएगी, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हिन्दू नेता अयोध्या में मंदिर और मस्जिद दोनों की बात करता है, उसकी जनता ना सुने। क्योंकि जो राम का नहीं हुआ वह किसी का नहीं हो सकता।
इस मौके पर हिंदू जागरण मंच के प्रांत संगठन मंत्री भगवान सिंह कार्की, प्रदेश सचिव सत्यवीर तोमर, महिला मोर्चा की अध्यक्ष अनीता ममगाईं, पूर्व पालिकाध्यक्ष स्नेहलता शर्मा, उषा रावत, संजय शास्त्री, विवेक गोस्वामी, इंद्र कुमार गोदवानी, प्रदीप दूबे, हरीश तिवारी, चित्रमणी आदि उपस्थित रहे।