सरकार बदली तो वादे भी हुए गायब
रुद्रप्रयाग। पिछली सरकार ने केदारनाथ आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए छानी कैंप से लेकर केदारनाथ तक मोटर संचालित वाहनों का वादा किया था, लेकिन सरकार बदलते ही इस योजना पर ब्रेक लग गया है। यदि योजना शुरू होती तो यात्रियों को तीन किमी पैदल सफर बचता। साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलता। केदारनाथ में आपदा के बाद तत्कालीन सरकार ने छानी कैंप से लेकर केदारनाथ तक मोटर चलित कारों का संचालन शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन आपदा को चार वर्ष गुजरने को है, अभी तक इन कारों का संचालन शुरू नहीं हो सका है।
सरकार की घोषणा के अनुरूप केदारनाथ में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने मोटर मार्गो का जाल बिछाया हुआ है, पुनर्निर्माण कार्यो के लिए यहां जेसीबी मशीने, ट्रक व अन्य मशीनों के लिए रास्ते बनाए गए हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। केदारनाथ में वर्तमान में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे है, इसमें 200 सौ से अधिक मजदूर व कर्मचारी लगे हुए हैं।
केदारनाथ में भी बेस कैंप, मंदाकिनी व व सरस्वती नदी के संगम पर घाट निर्माण लेकर मंदिर के पीछे बन रही सुरक्षा दीवार आदि स्थानों पर जाने को आपस में जोड़ा गया है। छह किमी सडक़ का निर्माण केदारपुरी में किया गया है। इसमें भारी ट्रक व मशीनें आ जा रही हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर छानी कैंप से मंदिर तक लगभग तीन किमी तक यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गत वर्ष अक्टूबर माह में केदारनाथ में आयोजित कैबिनेट बैठक में मोटर चालित कारें शुरू करने का निर्णय लिया था। यह कार पर्यावरण सुरक्षा के अनुरूप है। इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार भी दिया जाना था, लेकिन घोषणा के बाद दूसरा यात्रा सीजन है मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल नहीं हो पाया है।
केदारनाथ के तीर्थपुरोहित कुबेर नाथ पोस्ती ने बताया कि धाम में आने वाले यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा मिले इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार शीघ्र मोटर चालित कार शुरू होनी चाहिए। ताकि यात्रियों को कुछ सकुन मिल सके। वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि केदारनाथ में चरणबद्ध तरीके से कार्य हो रहा है।