Uttarakhand

सहकारिता आंदोलन रोकेगा पहाड़ से पलायन

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से ही सूबे में सहकारिता के क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने की दिशा में प्रयास यहां की सरकारें करती रहीं हैं। अब तक की राज्य सरकारों ने इस सहकारिता आंदोलन के नाम पर जहां काफी धन खर्च किया, घोटालों तथा संबंधित चुनावों में भी धांधली के आरोप लगते रहे हैं तो, वहीं अब सूबे की भाजपा सरकार ने सहकारिता आंदोलन को प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए एक मजबूत पहल शुरू की हैं। जिसके तहत पहाड़ से बेरोजगारों का प्लायन तो रूकेगा ही, बल्कि साथ ही प्रति वर्ष हजारों बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया होंगे।

राज्य में प्रदेश के निर्माण के बाद कांग्रेस की सरकारों ने पूरे 10 वर्ष तक सत्ता की बागडोर संभाले रखी, इस दौरान उन्होंने सहकारिता को मजबूत करने के लिए बड़े-बड़े दावे व वायदे किये, लेकिन उनके परिणाम धरातल पर फलिभूत रूप में नजर नहीं आये। आज अब राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार ने सहकारिता के आन्दोलन को नये सिरे से एक अच्छे प्लेटफार्म पर ले जाने तथा प्रदेश से प्लायन को रोकने की योजना तैयार की है और इसकी कमान मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपनी कैबिनेट के राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत को सौंपी है। धन सिंह का कहना है कि पूर्व में सहकारिता के चुनावों में जो धांधलियों के मामले तथा संबंधित विभाग में भ्रष्टाचार का रूप-स्वरूप सामने आता रहता था, वह भी अब समाप्त  होगा। करीब 30 लाख लोगों विशेष रूप से राज्य के 30 लाख किसानों को सहकारिता आन्दोलन से जोड़ा जाएगा।

सरकार का प्रयास व दावा है कि वह एक वर्ष में बीस हजार बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करेगी और प्रदेश से प्लायन को रोकने की दिशा में ठोस तरीके से कार्य करेगी। चकबंदी के क्षेत्र में भी राज्य सरकार विभाग के साथ मिलकर एक ठोस योजना को भी तैयार करेगी। राज्य की भाजपा सरकार ने जहां सहकारिता के क्षेत्र में एक जोरदार क्रांति राज्य के अन्दर लाने की पूरी तैयारी कर ली है, तो वहीं दूसरी ओर उसका नाम भी बहुउददेशीय सहकारी समिति करने का निर्णय कर लिया है। राज्य की भाजपा सरकार ने सहकारिता विभाग की बदहाल स्थिति पर गहन मन-मंथन करने के बाद ही एक और जो बड़ा फैसला लिया है वह राज्य के पैट्रोल पंपों को भी सहकारिता से जोडक़र उन्नति करने का है। बहरहाल, प्रदेश के अन्दर अब सहकारिता आंदोलन में मौजूदा भाजपा सरकार ने प्राण डालकर उसको शक्तिशाली बनाने का अहद कर लिया हैं। देखना यह होगा कि राज्य की भाजपा सरकार सहकारिता के क्षेत्र में अपने नये फार्मूले के हिसाब से जो बीज बोने जा रही है वे अंकुरित होकर कितने फलदायक परिणाम राज्य को देंगे।

devbhoomimedia

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