कावड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन के मुद्दे पर पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल सहित तमाम राज्य के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस साल चार धाम यात्रा की तरह ही कावड़ यात्रा में भारी शिव भक्तों की भीड़ उमड़ने की संभावना है।
कोरोना काल में बंद रही कावड़ यात्रा में इस साल चार करोड़ यात्रियों के आने की संभावना जताई गई है। उन्होंने कहा कि आज तमाम राज्यों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कावड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने के तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई है।
े उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा में पूरे देश से कावड़ लेने के लिए श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं तथा गंगोत्री तक जाते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा को सुव्यवस्थित रखने के लिए सभी उन राज्यों का सहयोग भी जरूरी है जिन राज्यों से बड़ी संख्या में यात्री आते हैं। उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए 10 हजार सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि बैठक में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अपराधियों पर नजर रखने से लेकर यात्रा का रूट क्या रहेगा। ट्रैफिक जाम की स्थिति से कैसे निपटा जाएगा तथा सामान्य यातायात के लिए रूट डायवर्जन की क्या व्यवस्था जरूरी होंगी आदि तमाम मुद्दों पर विचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों के जरिए सभी यात्रा मार्गों और विशेष स्थलों पर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रियों के लिए जो गाइडलाइन तैयार की जाएगी उसका अनुपालन सभी कावड़ियों को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा में किसी भी तरह का हुड़दंग या अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई से कावड़ यात्रा शुरू होगी जो पूरे माह चलेगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस साल रिकॉर्ड संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंच सकते हैं। इसलिए कांवड़ियों की भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।