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हिमालयन अस्पताल में 50 वर्षीय महिला की सफल हुई बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जरी

विश्वस्तरीय बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जरी अब स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के हिमालयन अस्पताल में भी 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के हिमालयन अस्पताल में अब विश्वस्तरीय बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जरी से कई गंभीर रोगी सामान्य जीवन जीने लगे हैं।  अभी तक इस तरह की सर्जरी देश के बड़े मेट्रोपोलिटन शहरों तक ही सीमित थी या विदेशों में लोग इस तरह की सर्जरी में लाखों रूपया खर्च कर नया जीवन पाते थे, हिमालयन हॉस्पिटल के बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जरी विभाग ने ऐसी ही एक 50 वर्षीय महिला की सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है।
हिमालयन हॉस्पिटल से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून निवासी 50 वर्षीय मंगला देवी जो कि लंबे समय से मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, गठिया, हाइपेथायरायडिज्म सांस फूलना जैसी बीमारियों से पीड़ित थी। रोगी मंगला देवी का कहना है, कि उनका स्थाीनीय अस्पतालों से लगातार दवाईयां चल रही थी। रोगी पैदल भी नही चल पा रही थी थोड़ा सा चलने सांस फूल रहा था, रिश्तेदारों के कहने पर वह हिमालयन अस्पताल के बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जन डाॅ. हेमंत नौटियाल के पास दिखाया जिसके बाद बेरिएट्रिक सर्जन डाॅ. हेमंत नौटियाल ने उन्हें सर्जरी करने की सलाह दी।
डाॅ. हेमंत नौटियाल ने बताया कि जरूरी जांचे करने के बाद मंगला देवी की सर्जरी की गई। पहले मरीज का वजन 104 किलो था, जबकि सर्जरी करने के बाद 19 किलो वजन कम हुआ है। मरीज की सर्जरी (लेप्रोस्कोपिक स्लीव गैस्टेक्टाॅमी) पेट में बिना चीरा लगाए हुए की गई। मरीज अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है। मंगला देवी का कहना है कि सर्जरी से पहले वह 104 किलो वजन के साथ अपनी दिनचर्या के काम भी नही कर पाती थी।
रोगी को सोने में भी सीपीएपी मशीन का सहारा लेना पड़ता था। मंगला देवी ने बताया कि सर्जरी करने के 5 दिन बाद वही अस्पताल से डिसचार्ज हो गई थी। अब वह अपना सामान्य जीवन जी रही हैं, वो भी बिना दवाईयों के सहारे साथ ही कई किलो मीटर पैदल जा रही हैं। रोगी का अब उच्च रक्तचाप, मधुमेह की समस्या भी नही है। सर्जरी को सफल बनाने में डाॅ. करमजोत बेदी, एनेस्थिसिया विभाग से डाॅ. दीपक ओवराॅय व डॉ निशिष का सहयोग रहा है।

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