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खुशी के आंसू और लाल चुनरिया ओढ़े  विदा हुई 28 बेटियां

  • हिन्दू वैदिक रीति रिवाज से  28 निर्धन कन्याओं का हुआ सामूहिक विवाह
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून। श्री श्री बालाजी सेवा समिति ने की ओर रविवार को हिन्दू वैदिक रीति रिवाज से  28 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया गया।   रविवार सुबह दर्शनलाल स्थित पंचायती चैक से जब बारात निकली तो सब देखते रह गए। एक साथ 28 दूल्हे घोड़ों पर बैठकर पटेलनगर स्थित ब्लेसिंग वेडिंग प्वाइंट के लिए निकले। एक के बाद एक दूसरा दूल्हा कतार में देख रास्ते में महिलाएं  और पुरुष खड़े हो गए और बारात गुजरने तक देखते रहे।
घोसी गली स्थित पंचायती मंदिर से पल्टन बाजार, धामावाला बाजार, सहारनपुर चैक, पटेलनगर होते हुये बारात  कारगी रोड़ स्थित वेडिंग प्वाइंट पहुंची जहां समिति के पदाधिकारियों तथा  बेटियों के परिजनों और मेहमानों ने बारातियों की जोरदार अगवानी की तथा वैवाहिक आयोजनों की रस्में पूरी  की जाने लगीं। विवाह कार्यक्रम में  समिति के सेवादारों के अलावा हर शख्स पूरे मनोयोग से जुट रहा। दूल्हों की जरूरतों और बारातियों की आवभगत का पूरा ध्यान रखा गया। बारात पहुंचने के बाद विवाह स्थल पर वरमाला से लेकर फेरों तक पंडाल  गढ़वाली मांगल गीतों से गुंजायमान रहा।
वर वधूओं को आर्शीवाद देने के लिए तमाम सामाजिक, धार्मिक लोगों के अलावा मसूरी विधायक गणेश जोशी, चीफ वार्डन चन्द्रगुप्त विक्रम, जोगेन्द्र सिंह पुण्डीर, लालचन्द शर्मा, मनोज ध्यानी, राजरानी अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। वहीं समिति की ओर से संरक्षक आर.के. गुप्ता, श्रवण वर्मा, कुलभूषण अग्रवाल, समिति के अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल, सचिव मनोज खण्डेलवाल, के अलावा चंद्रेश अरोड़ा, उमाशंकर रघुवंशी, मनमोहन लखेड़ा, संजय शर्मा, विजय बिष्ट, पंकज चांदना, राजेश चैरसिया, दीपक अग्रवाल, एसपी शर्मा, अशोक गुप्ता, आर.के. शर्मा, ऋषभ अग्रवाल, कविता खण्डेलवाल, मीरा चैरसिया, रश्मी अरोडा, भावना बिष्ट, गीता नेगी, अर्चना अग्रवाल, ममता गर्ग, कृष्णा देवी, गीता वर्मा, सुशीला काला आदि सैकड़ों सेवादार उपस्थित  रहे। 
बनारस से आये यू.के. सिंह ने पानी, फ्रूटी और जलजीरे से जहां बारातियों की प्यास बुझायी वहीं  आगरा से आये कार्तिकजी और उनके पूरे परिवार ने तमाम अतिथियों को बारात विदा होने तक आगरा का मीठे पैठे से  लोगों मुंह मिष्ठान कराया।शाम करीब साढ़े पांच बजे समिति नेे घर-गृहस्थी के साजो सामान के साथ कन्याओं की भावभीनी विदाई की। 
इससे पहले समिति के अध्यक्ष ने कहा कि कन्यादान महादान है यह कार्य सभी के सहयोग से पूरा हो सका है। अगले वर्ष 51 निर्धन कन्याओं का विवाह कराने का प्रयास होगा। 

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