त्रिवेंद्र रावत के 21 महीने, और उनके 21 बड़े फैसले

- सूबे को भ्रष्टाचार मुक्त करने के संकल्प के साथ कदम बढ़ रहे आगे
- 21 महीनों में केवल वादे ही नहीं किये बल्कि वादों को जमीन पर भी उतारा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री की कुर्सी के संभालने के बाद से लेकर आजतक तमाम जनसरोकारों और जनहित के काम किये हैं। सबसे बड़ा काम उनका जो नज़र आ रहा है वह है भ्रष्टाचार के दल-दल में फंसे सूबे को भ्रष्टाचार मुक्त करने का संकल्प,इन 21 महीनों में वे इस संकल्प को पूरा करते ही नहीं दिखे बल्कि कई भ्रष्टाचारियों को उनका यह मज़बूत कदम जेल की सलाखों तक पहुंचा चुका है। उन्होंने इन 21 महीनों में केवल वादे ही नहीं किये बल्कि वादों को जमीन पर भी उतारा है जो उन्होंने जनता के साथ किये थे। प्रस्तुत है उनके इन 21 महीनों में किये गए 21 महत्वपूर्ण फैसलों की एक झलक …….
1. आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने वाला यत्तराखंड देश का पहला राज्य बन है। जल्द ही दुर्गम स्थानों पर त्वरित उपचार पहुंचाने के लिए 26 जनवरी से एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू हो रही है। पहाड़ो की लाइफ लाइन कहे जानी वाली इमरजेंसी 108 एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जा रही है। जनवरी तक 139 नई 108एंबुलेंस शामिल कर ली जाएंगी।
2. पहली बार उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन हुआ। इससे राज्य में 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए MoU साइन किये गए। इस कड़ी में बागेश्वर में पहली लीसा फैक्ट्री की शुरुआत की जा चुकी है।
3. पहली बार विभिन्न अस्पतालों में 1137 से ज्यादा नए डॉक्टरों की तैनाती की गई, पहले प्रदेश में कुल 1081 डॉक्टर थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 2218 हो गई। प्रदेश में टेलिमेडिसिन और टेलीरेडियोलॉजी जैसी आधुनिक तकनीकें लाई गई। आशा कार्यकत्रियों के बकाया राशि के भुगतान के लिए 33 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। आशा व एएनएम कार्यकत्रियों के लिए दुर्घटना बीमा की सुविधा की गई है।
4. बयालीस साल से अधर में लटकी लखवाड़ बहुद्देश्यीय परियोजना पर 6 राज्यों के बीच सहमति बनी, 300 मेगावाट की परियोजना से उत्तराखंड को बिजली और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा जबकि यूपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान को पीने का पानी मिल सकेगा।
5. प्राइमरी शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन के लिए पहली बार राज्य के स्कूलों में NCERT पाठ्यक्रम लागू किया गया, साथ ही केयान डिवाइस से डिजीटल एजुकेशन को प्रोत्साहन दिया गया।
6. पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को उद्योग का दर्जा दिया गया। अब साहसिक पर्यटन को एमएसएमई उद्यमियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होमस्टे को मजबूत किया जा रहा है। 5000 नए होमस्टे बनाये जा रहे हैं।
7. पहली बार धार्मिक पर्यटन के अतिरिक्त पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल की गई, 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशों के लिए उत्तराखंड को टूरिज्म क्षेत्र के प्रतिष्ठित ग्लोब स्टार अवार्ड से नवाजा गया है।
8. उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बनाने की कवायद हुई, पहली बार कोई मुख्यमंत्री फिल्मकारों के बीच सीधी बातचीत के लिए पहुंचा, पिछले एक साल में 10 बड़ी फिल्मों की शूटिंग उत्तराखंड में हुई। इसके लिए उत्तराखंड को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है।
9. किसानों की आमदनी दोगुनी करने के प्रयास किए गए। किसानों को मात्र 2 फीसदी ब्याज पर सस्ता ऋण देकर इनपुट कॉस्ट कम की गई। किसानों से, अनाज की पारदर्शी खरीद हो रही है। उत्तराखंड को ऑर्गैनिक स्टेट बनाने की योजना पर काम शुरू किया गया। प्रदेश में 10 हजार जैविक क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है। जिनमें से अधिकतर पर काम शुरू हो चुका है।
10. उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए पहली बार ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना की गई, ये ग्रोथ सेंटर प्रदेश की 670 न्यायपंचायतों में स्थापित होंगे, यहां स्थानीय स्तर पर मौजूद संसाधनों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। अब तक 103 ग्रोथ सेंटर चिह्नित किए जा चुके हैं।
11. स्थानीय अनाजों का सदुपयोग और मंदिरों के प्रसाद को आय का जरिया बनाने की अनोखी पहल की गई। बद्रीनाथ धाम से शुरू हुई देवभोग प्रसाद योजना को प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में लागू किया गया, केदारनाथ धाम में इस वर्ष रिकॉर्ड दो करोड़ का प्रसाद महिला समूहों ने बेचा है। इससे न सिर्फ स्थानीय अनाजों को उपयुक्त बाजार मिल रहा है बल्कि महिलाएं भी आर्थिक तौर पर सशक्त बन रही हैं।
12. प्लास्टिक इंजीनियरिंग में ट्रेनिंग लेने के इच्छुक युवाओं को प्रदेश के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश में पहला प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान (सीपैट) खोला गया है। संस्थान से छात्रों को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट मिलेगा।
13. देश का पहला ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर उत्तराखंड में शुरू किया गया है, ड्रोन एप्लीकेशन और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में उत्तराखंड के युवाओं के लिए यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
14. पहली बार कनेक्टिविटी रहित गांवों को डिजीटल बनाने की पहल की गई। रेडियो फ्रीक्वेंसी से दूरस्थ गावों में इंटरनेट पहुंचाया गया, इसकी बदौलत आज घेस, हिमनी, पीपलकोटी जैसे सीमांत गांवों को स्मार्ट विलेज बनाया गया।
15. आपदा के रिस्पॉन्स में तेजी लाई गई है, आपदा के समय संचार सुविधा बहाल करने के लिए बैलून तकनीक शुरू की गई, संभवत बैलून तकनीक प्रयोग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है।
16. पहली बार गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित करवाया गया, पहली बार राज्य का बजट गैरसैंण के विधानसभा भवन में पारित हुआ और 18 साल में पहली बार राज्य का आर्थिक सर्वे इसी बजट सत्र में सामने रखा गया।
17. 18 साल के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक युद्ध छेड़ा है, जिसमें बड़े अफसरों तक को सस्पेंड किया गया। गरीब का राशन चुराने वालों पर कार्रवाई हुई। घोटालेबाजों में खौफ का माहौल बना है। आर्थिक अनुशासन व पारदर्शी नीतियों से राज्य का खजाना बढ़ रहा है। पारदर्शी खनन नीति के चलते खनन के राजस्व में वर्ष2018-19में अगस्त माह तक195 करोड़ का राजस्व जुटाया गया है जो पिछली अवधि की तुलना में 82 फीसदी ज्यादा है। इसी तरह वन विभाग के राजस्व में भी अगस्त 2018 तक 46 पीसदी की वृद्धि हुई है।
18. राज्य के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने नदियों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया। रिस्पना व कोसी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक वृक्षारोपण अभियान चलाया। खुद मुख्यमंत्री ने बढ़ चढ़कर इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दिया।
19. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के साथ 18 साल से लटके परिसंपत्तियों के मामले को सुलझाने की सफल कोशिश हुई है। होटल अलकनंदा पर अब उत्तराखंड का अधिकार हुआ है। यूपी और उत्तराखंड के बीच ऐतिहासिक परिवहन करार हुआ है। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को आवंटित कार्मिकों की बकाया पेंशन राशि के लिए उत्तर प्रदेश के बजट में 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जल्द ही यह राशि उत्तराखंड को मिल जाएगी।
20. सौभाग्य योजना व राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश का गाँव गाँव बिजली से रोशन हो रहा है। आजादी के 70 साल बाद देश का सीमान्त गाँव घेस अब जाकर बिजली से रोशन हुआ है।
21 .*सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए उठाए कदम*
द्वितीय विश्वयुद्ध के सैनिकों व आश्रितों की पेंशन दोगुनी कर ₹8000 प्रतिमाह की गई
देश के लिए शहीदों के परिजनों को ₹10-10लाख के 27 अनुदान जारी किए गए
गढ़वाल राइफल्स के सैन्य हॉस्टल हेतु ₹2 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया
पूर्व सैनिकों, शहीदों की विधवाओं, व उनके आश्रितों को स्वावलंबी बनाने के लिए निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण व स्किल डेवलेपमेंट ट्रेनिंग दी जा रही है।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के रिक्त पदों पर भर्तियां की। पेंशन के लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण किया गया।
*डबल इंजन की सौगात*
चार धामों को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड का कार्य प्रगति पर
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर कार्य जारी
देहरादून काठगोदाम के बीच नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार-देहरादून पाईप्ड गैस लाइन का शिलान्यास किया जा चुका है। इससे प्रदेश के लाखों घरों व वाहनों को सस्ती व पर्यआवरण के लिहाज से स्वच्छ गैस (CNG/PNG) उपलब्ध होगी।
माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य जारी
नमामि गंगे योजना से घाटों के मेंटिनेंस के लिए ₹600 करोड़ जारी
जैविक खेती के लिए केंद्र से ₹1500 करोड़ जारी
उज्ज्वला योजना से उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मिली राहत