चुनाव मैदान में रुद्रप्रयाग से 11 और केदारनाथ से 9 प्रत्याशी
-भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीयों के बीच होगा त्रिकोणीय मुकाबला
-पहली बार रुद्रप्रयाग विधानसभा से पैरासूट प्रत्याशी नहीं लड़ रहा चुनाव
-निर्दलीय भाजपा-कांग्रेस को दे सकते हैं झटके
रुद्रप्रयाग । रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा में इस बार जोरदार मुकाबला देखने को मिलेगा। पार्टी प्रत्याशियों को निर्दलीय प्रत्याशी कड़ी चुनौती दे रहे हैं। खासकर केदारनाथ विधानसभा की बात करें तो अभी तक यहां निर्दलीय प्रत्याशियों का पलड़ा भारी लग रहा है। वहीं रुद्रप्रयाग विधानसभा में भाजपा एवं कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों में सीट कब्जाने को लेकर जमकर होड़ मची हुई है। जो स्थिति सामने आ रही है, उससे यही लग रहा है कि निर्दलीय किसी के भी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
दो विधानसभाओं वाले छोटे से जनपद रुद्रप्रयाग में इस बार पार्टी प्रत्याशियों और निर्दलीय के लिये कड़ी टक्कर होने वाली है। आज तक विधानसभा चुनावों में हमेशा भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी ही रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा से विजयी रहे हैं, लेकिन इस बार कुछ ओर ही देखने को मिल सकता है। खासकर केदारनाथ विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी यहां किसी का भी गेम प्लान बिगाड़ सकते हैं। भाजपा से बगावत करने वाली पूर्व विधायक आशा नौटियाल और निर्दलीय रूप में तैयारी कर रहे कुलदीप रावत को भी केदारघाटी की जनता से अपार जनसमर्थन मिल रहा है।
जबकि रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस से बगावत करने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप थपलियाल और अगस्त्यमुनि के ब्लाॅक प्रमुख जगमोहन सिंह रौथाण भी जनसमर्थन प्राप्त करने में लगे हैं। रुद्रप्रयाग से 11 और केदारनाथ से 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय के बीच है। पहली बार जिले में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। रुद्रप्रयाग विधानसभा में पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई पैरासूट प्रत्याशी यहां से चुनाव नहीं लड़ रहा है। आज तक हुये विधानसभा चुनाव में हमेशा पैरासूट प्रत्याशी ही यहां से विधायक बने हुये हैं। जिले की दोनों विधानसभाओं सीटों से इस बार 1 लाख 79 हजार 362 मतदाता प्रत्याशियों का चयन करेंगे। केदारनाथ विधानसभा में 40738 पुरूष और 42055 महिला मतदाता हैं। जबकि रुद्रप्रयाग विधानसभा में 48687 पुरूष और 47882 महिला मतदाता है।
चुनाव निशान मिलने के बाद पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार-प्रसार भी तेज कर दिया है। क्षेत्रवाद की राजनीति भी प्रत्याशियों पर हावी होने लगी है, लेकिन इस बार क्षेत्रवाद भी काम नहीं करेगा। केदारनाथ विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत, कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत, निर्दलीय प्रत्याशी आशा नौटियाल, कुलदीप रावत और उक्रांद के गंगाधर सेमवाल के बीच मुख्य मुकाबला है। जबकि रुद्रप्रयाग से भाजपा प्रत्याशी भरत सिंह चैधरी, कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मी राणा को कांग्रेस के बागी प्रदीप थपलियाल और ब्लाॅक प्रमुख अगस्त्यमुनि जगमोहन सिंह रौथाण टक्कर देने के मूड़ में हैं। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रत्याशी जनता के बीच भी सक्रिय हो गये हैं।