सात मई को दोपहर सवा बजे खुलेंगे यमुनोत्री और गंगोत्री धामों के कपाट
- बैसाखी पर खुलेंगे गौरीकुंड स्थित गौरा माई मंदिर के कपाट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
बड़कोट (उत्तरकाशी): हिमालय के चार धामों में प्रथम यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन सात मई को दोपहर 1.15 बजे खोले जाएंगे। गुरुवार को यमुना जयंती पर यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने देवी यमुना के मायके खरसाली गांव में कपाट खुलने का शुभ मुहुर्त तय किया।
तीर्थ पुरोहितों ने विधि-विधान से देवी यमुना की पूजा-अर्चना करने के बाद स्थानीय ज्योतिषाचार्यों के सहयोग से धाम के कपाट खुलने का मुहूर्त निकाला। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव पं. कीर्तेश्वर उनियाल व पंच पंडा समिति के पं. वेदप्रकाश उनियाल ने बताया कि सात मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर रोहिणी नक्षत्र के अभिजीत मुहरूत में धाम के कपाट खोले जाएंगे।
इसके साथ ही कपाट खोलने की तैयारियां भी शुरू कर दी गईं। इस मौके पर मुकेश उनियाल, हरीश उनियाल, प्रेम बल्लभ उनियाल, बागेश्वर प्रसाद, मनमोहन उनियाल, आशीष उनियाल, पवन उनियाल आदि मौजूद रहे।
वहीं केदारनाथ धाम यात्रा के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड में स्थित मां गौरी माई मंदिर के कपाट रविवार को बैसाखी पर्व पर खोले जाएंगे। मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनके जमलोकी ने बताया कि बैसाखी पर्व पर सुबह सात बजे गौरा माई की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल गौरी गांव से रवाना होगी। डोली के गौरीकुंड पहुंचने पर मंदिर के मुख्य पुजारी पूजा-अर्चना करेंगे और ठीक आठ बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।