- मुख्यमंत्री ने अभिनेता व थियेटरकर्मी टॉम ऑल्टर के निधन पर जताया शोक
- पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने कहा कला जगत की अपूर्णनीय क्षति
मुम्बई : 22 जून 1950 को पहाड़ों की रानी मसूरी में पैदा हुए चर्चितअभिनेता, लेखक और पद्मश्री टॉम आल्टर का 67 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया । वे स्किन कैंसर से जूझ रहे थे। उनका इलाज मुंबई के सैफी अस्पताल में चल रहा था। टॉम के परिवार ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी। वे अपने पीछे पत्नी कैरोल इवान्स ऑल्टर (विवाह 1977) पुत्र जैमी ऑल्टर, पुत्री अफ़शां ऑल्टर छोड़ गए हैं।
बता दें कि वह एक प्रकार के स्किन कैंसर के जूझ रहे थे। इस समय में वे कैंसर की फोर्थ स्टेज में थे। बताया जा रहा था कि ऑल्टर को स्क्वॉमस सेल कार्सिनोमा बीमारी हो गई थी। कला और फिल्म जगत में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए साल 2008 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।उन्हें लेखन का भी शौक था उन्होंने ”The Longest Race”, ”Rerun at Rialto” जैसी पुस्कें लिखीं ।आल्टर ने 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया था। इसके अलावा उन्होंने कई टीवी शो में भी काम किया था जिनमें काफी प्रसिद्ध शो गैंगस्टर केशव कालसी अहम है। 80 और 90 के दशक में वह खेल पत्रकार भी रहे।
मसूरी में जन्मे आल्टर भारत में तीसरी पीढ़ी के अमेरिकी थे। उन्होंने मसूरी के वूडस्टॉक स्कूल में शुरुआती पढ़ाई की जिसके बाद थोड़े दिनों के लिए येल यूनिवर्सिटी गए और 70 के शुरुआती दशक में भारत लौट आए। सन 1972 में वह उन तीन लोगों में शामिल थे जिनको पुणे स्थित देश के प्रतिष्ठित फिल्म ऐंड टेलिविजिन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में दाखिले के लिए उत्तरी भारत के 800 आवेदकों में से चुना गया था। उन्होंने अभिनय में गोल्ड मेडल डिप्लोमा के साथ कोर्स पूरा किया था। उनके अलावा उस दौरान बेंजामिन गिलानी और फुंसोक लद्दाखी को इस कोर्स के लिए चुना गया था।
धर्मेंद्र की फिल्म ‘चरस’ से साल 1976 में बॉलीवुड में एंट्री करने से पहले टॉम कई नाटकों में काम कर चुके थे। उन्होंने फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से साल 1974 में डिप्लोमा करने के दौरान गोल्ड मेडल जीता था। टॉम ऑल्टर साल 1980 से लेकर 1990 के दश्क में स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रह चुके हैं। उनके देहावसान से मुम्बई साहित मसूरी सदमे में है , पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने उनके निधन को कला जगत की अपूर्णनीय क्षति बताते हुए कहा कि बहुआयामी प्रतिभा के धनी ऐसे कलाकार कभी -कभी ही जन्म लेते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रसिद्ध अभिनेता व थियेटरकर्मी श्री टॉम ऑल्टर के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने टॉम ऑल्टर के निधन को अभिनय क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि कला और सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय टॉम ऑल्टर का मसूरी और उत्तराखंड से बेहद लगाव था और वो विभिन्न अवसरों पर इसका उल्लेख भी करते थे।