केदारनाथ आपदा में ध्वस्त हुए उदककुंड पर शुरू हुआ कार्य

- आपदा में बुरी तरह से बर्बाद हो चुके उदककुंड का पुनर्निर्माण
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
गुप्तकाशी : वर्ष 2013 की केदारनाथ में आयी आपदा में बुरी तरह से बर्बाद हो चुके उदककुंड के पुनर्निर्माण और पुनरोद्धार का का कार्य लोनिवि डीडीएमए द्वारा शुरू कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने काफी प्रयासों के बाद इस कुंड को खोज निकाला है तो वहीँ सरकार ने इसको पुराने वजूद में लाने का प्रयास शुरू कर दिये हैं।लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार अगले डेढ़ हफ्ते के भीतर उदककुंड का काम पूरा भी कर लिया जाएगा।
कहा जाता है कि केदारनाथ में जो भी तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचता है वह उदककुंड का जल अपने घर ले जाता है। यह जल शुद्धीकरण के लिए पवित्र माना गया है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिव्य जल को ग्रहण करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वर्षों पूर्व इस कुंड में पारा निकलने की भी बाते कहीं जाती रही है। बतातें चले कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद से अब तक लोगों को उदककुंड के जल से वंचित रहना पड़ रहा था किंतु अब जल्द ही तीर्थयात्रियों को उदककुंड के पुण्य लेने का अवसर मिलेगा। लोनिवि के अवर अभियंता भरत कप्रवान ने बताया कि उदककुंड में प्राचीन काल से निकल रहे जल के संरक्षण के लिए बुनियाद बेहतर कर दी गई है। इस कुंड पर 300 लोकल पत्थर लगाए जा रहे हैं। 4 फीट गहरे और 10-10 फीट चौड़े और लम्बे कुंड का काम डेढ़ सप्ताह में पूरा कर दिया जाएगा।
उदककुंड की खोज और पुनर्निर्माण पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग का कहना है कि काफी प्रयासों के बाद केदारनाथ में उदककुंड का काम शुरू कर दिया गया है। सरकार और प्रशासन का प्रयास है कि केदारनाथ धाम में पूर्व से यहां के महत्व से जुड़ी सभी स्थानों को संरक्षित और पुनर्जीवित किया जा सके। हंसकुंड को खोजने का भी प्रयास किया जाएगा।