UTTARAKHAND

तो क्या खत्म हो जाएगा भीमताल शहर का अस्तित्व ?

क्या तबाह हो जाएगी कुमाँऊ की सबसे बड़ी नगरी हल्द्वानी ?

140 साल पुराना भीमताल डैम अपनी उम्र पूरी कर चुका

जगह जगह से दरारों के कारण जर्जर हो गया चुका है भीमताल डैम 

मुख्य संवाददाता 
नैनीताल : क्या खत्म हो जाएगा भीमताल शहर का अस्तित्व? जी हां ये हम इसलिए कह रहे है क्योंकि 140 साल पुराना भीमताल डैम जिसे विक्टोरिया बांध भी कहा जाता है,अब अपनी उम्र पूरी कर चुका है और जगह जगह से दरारों के कारण जर्जर हो गया चुका है। इसके बावजूद इसके ट्रीटमेंट को लेकर राज्य सरकार संजीदा नज़र नहीं आ रही है।
नैनीताल को लेक डिस्ट्रिक्ट ऑफ इंडिया कहा जाता है।अंग्रेजों के जमाने में यहाँ दर्जनों झीलें थी लेकिन अब कई झीलें अपना अस्तित्व खो चुकी हैं। आज से करीब 140 साल पहले अंग्रेजों  तराई क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के लिए भीतलाल डैम बनाया था। इस डैम की उम्र 1980 में पूरी हो चुकी है।अब इस डैम में जगह जगह दरारें पड़ चुकी हैं और पानी का रिसाव हो रहा है। अगर डैम टूटा तो हल्द्वानी में भारी तबाही होगी। स्थानीय लोगों ने कई बार शासन प्रशासन से इस तरफ ध्यान आकर्षित किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने भीमताल डैम को बचाने के लिए अब प्रधानमंत्री मोदी  से गुहार लगाई है।
880 में ब्रिटिश शासन काल मे तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए भीमताल डैम का निर्माण किया गया था। लेकिन 140 साल होने के बाद अब डैम खस्ताहाल हो चुका है। डैम में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गयी है और जगह जगह से पानी का रिसाव हो गया है। कई सालों से झील में मिट्टी और गाद जमा हो रहा है जिससे और भी मुश्किल बढ़ रही है जो आने वाले किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है लेकिन वहीँ  लगता है जिला प्रशासन किसी बड़ी घटना के इंतजार में है। स्थानीय लोग डरे और सहमे हैं। इस समय बरसात का समय है और झील में लगातर सिल्ट और गाद जमा हो रही है।स्थानीय निवासी विपिन चंद्र पांडेय ने कहा कि झील टूटती है तो हल्द्वानी में केदारनाथ आपदा की जैसी तबाही आएगी।
दरअसल भीमताल झील का मामला सिंचाई विभाग और झील विकास प्राधिकरण के बीच फंसा हुआ है और इसके अलावा भीमताल डैम का पुनर्निर्माण राजनीति और शासन की भेंट चढ़ गया है। कई बार राज्य की तरफ से केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया लेकिन बात नहीं बनी। डीएम सविन बंसल कह रहे है कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है यानि वे भी मानते हैं कि झील के भविष्य के लिए ख़तरा है जबकि वे कहते हैं उन्होंने झील के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर शासन को भेज दी है।
नैनीताल जिले में स्थित इस बहुउददेश्यीय भीमताल झील का महत्व सिर्फ पर्यटन तक ही सीमित नहीं है यह झील नैनीताल जिले की एक ऐसी झील है जो स्थानीय ही नहीं बल्कि हल्द्वानी के साथ तराई के कई इलाकों में गर्मियों के दोरान लोगों की प्यास बुझाती तो है साथ मे सिंचाई के लिये इसके पानी का प्रयोग किया जाता है। राज्य सरकार ने हाल ही में सभी डैम के स्वास्थ्य की जांच के लिए एक डैम सेफ्टी रिव्यु बनाया है। लेकिन 100 साल पूरे कर चुकी ये झील अब बूढ़ी हो गई है।
भविष्य में यदि जल्द भीमताल डैम का पुनर्निर्माण कार्य नहीं किया गया तो हल्द्वानी के लिए खतरा बन सकता है। राज्य सरकार अब डैम सेफ्टी कमेटी का गठन कर रही है लेकिन डैम का पुनर्निर्माण कब होगा ये अभी किसी को नहीं मालूम।

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