CRIME

जब खुद बताया केंद्र में मंत्री और राज्य मंत्री का दर्जा दिलाने के नाम पर की 10 लाख की ठगी

व्यवसायी को मंत्रालय में सलाहकार सदस्य बनवाने का झांसा देकर हड़पे दस लाख रुपये 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : उत्तराखंड में जालसाज़ों के हौसले कितने बुलंद हैं उसको जानने के लिए यह मामला काफी है। हरिद्वार निवासी एक जालसाज ने खुद को उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बताते हुए देहरादून के एक व्यक्ति को राज्य मंत्री बनाने को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया। इस कथित मंत्री ने अपनी पत्नी और ड्राइवर संग मिलकर देहरादून निवासी व्यवसायी को मंत्रालय में सलाहकार सदस्य बनवाने का झांसा देकर दस लाख रुपये हपड़ लिए। पीड़ित ने इस मामले की जब पुलिस को शिकायत की तो पुलिस ने भी मामला हल्के में लेते हुए मुकदमा दर्ज नहीं किया। बाद में कथित मंत्री के हाथों लुट चुके व्यक्ति ने न्यायालय में मामला दर्ज करने की अपील की तब जाकर पुलिस ने भी न्यायालय के आदेश पर शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपी दंपति और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मामले में अवनीश कौशिक पुत्र शिव कुमार शर्मा निवासी लोहियापुरम, एमडीडीए कॉलोनी, त्यागी रोड देहरादून ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था जिस पर न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट ने 156 (3) के तहत कौशल कुमार पुत्र कमलेश कुमार निवासी शिवालिक नगर बीएचईएल हरिद्वार उनकी पत्नी संगीता और ड्राइवर राममूर्ति शुक्ला निवासी हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। शहर कोतवाल एसएस नेगी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। न्यायालय को अवनीश कौशिक ने बताया कि साल 2019 में ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले अपने दोस्त रवि के जरिए वह कौशल कुमार से मिले। कौशल कुमार ने उनको बताया कि वह हरिद्वार के ही रहने वाले है।
कई फैक्ट्रियों के मालिक है और उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय में भारत सरकार की ओर से राज्यमंत्री है। इसके बाद कई महीनों तक एक दूसरे से मेल मुलाकात होती रही। आरोप है कि कौशल कुमार ने अवनीश कौशिक से कहा कि वह उनको उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से सलाहकार सदस्य बनवा सकता है। विश्वास दिलाया कि वह राज्यमंत्री है और इतनी पावर है कि किसी भी पद पर नियुक्त कर सकता है। बातों पर विश्वास कर लिया। बायोडाटा, पैन कार्ड, आधार कार्ड, फोटो सहित अन्य दस्तावेज लिए गए।
इस काम में पन्द्रह लाख रुपये का खर्चा बताया। छह जनवरी 2020 को पांच लाख रुपये लेने के बाद विभाग के लेटर हैड पर रसीद तैयार कर दी गई। अवनीश कौशिक ने बताया कि उनका बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर का काम है। राजनीति से उनका कोई वास्ता नहीं रहा है। कौशल कुमार ने कई मंत्रियों से भी करीबी होते उन्हें मिलवाया गया। कौशल कुमार की पत्नी संगीता और ड्राइवर राममूर्ति भी कई बार उनके घर आए और विश्वास दिलाते हुए षड्यंत्र के तहत पूरी रकम देने का दबाव बनाया गया।
सदस्यता के बारे में पूछा गया तो फाइल विभाग में होने की बात कही गई। 18 जुलाई 2019 को पांच लाख रुपये और दिए गए। न्यायलय में अपील करने तक ना तो विभाग की सदस्यता दिलाई गई और ना ही रकम वापस की जा रही है। पैसा मांगने पर धमकाते हुए अपनी पावर का हवाला देते कर झूठे मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी जा रही है। बताया गया है कि आरोपी के खिलाफ हरिद्वार मे कई फर्जीवाड़े व चेक बाउंसिंग के मुकदमे चल रहे है।
अवनीश कौशिक की ने कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र में कहा है कि ‍इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने न्यायालय को बताया कि आरोपी पक्ष ने उनपर व उनके भाई रजनीश कौशिक के खिलाफ कौशल कुमार ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया हुआ है। शहर कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस साक्ष्य जुटाकर जांच कर रही है।

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