देवभूमी मीडिया ब्यूरो – बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखण्ड दौरे पर है जंहा उन्होंने केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना और केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया।साथ ही बदरीनाथ धाम मे पूजा कर भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी माणा गांव जायेगे के भोटिया जनजाति की महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य भी किया जाएगा। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं।
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देवभूमी मीडिया ब्यूरो – बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखण्ड दौरे पर है जंहा उन्होंने केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना और केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया।साथ ही बदरीनाथ धाम मे पूजा कर भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी माणा गांव जायेगे के भोटिया जनजाति की महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य भी किया जाएगा। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं।रम्माण शब्द रामायण का अपभ्रंश है। इस नृत्य में भगवान श्री राम के जन्म से लेकर रावण वध तक के आयोजन को मुखौटा नृत्य के साथ आयोजित किया जाता है। कलाकार ढोल दमाऊं की थाप पर मुखौटा नृत्य की प्रस्तुति देते हैं। ढोल वादक जागर गायन भी करता हैबता दे कि गांव की महिलाएं ऊन का लव्वा और अंगुड़ी पहनती हैं।तो वह हर वक्त अपने सिर को कपड़े से ढककर रखती हैं। किसी भी सामूहिक आयोजन में महिलाएं और पुरुष समूह में पौणा व झुमेलो नृत्य आयोजित करते हैं।माणा गांव के ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय हाथ और मशीन से ऊनी वस्त्रों का निर्माण करना है। शीतकाल में ग्रामीण भेड़-बकरियों की ऊन निकालकर उनकी कताई करते हैं और तकली या मशीन से उसके तागे बनाते हैं।