Uttarakhand

मौसम के एक बार फिर ख़राब होने की चेतावनी !

  • पर्वतीय इलाकों में कल  से बर्फबारी और बारिश की आशंका
  • ग्रामीण बीमार को कन्धों पर उठाकर पहुंचा रहे हैं अस्पताल
  • पांच जिलों में बारिश-ओलावृष्टि का अलर्ट

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम के बिगड़ने की मौसम विभाग ने संभावना जताई है।  मौसम विभाग के अनुसार (कल) बुधवार और गुरुवार को प्रदेश में कई स्थानों पर बर्फबारी के साथ ही निचले स्थानों पर बारिश के आसार बन रहे हैं। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में शाम से मौसम में बदलाव हो सकता है। इन जिलों के अधिकांश क्षेत्रों में रात को बारिश हो सकती है।वहीं, कुछ इलाकों में ओले भी गिर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सभी पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने का भी अनुमान है।  हालांकि (आज)मंगलवार को मौसम साफ रहा।

प्रदेश में भले ही दो गिन लोगों ने गुनगुनी धूप का आनंद उठाया हो, लेकिन बुधवार से उनकी मुसीबतों में इजाफा हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश और बर्फबारी का दौर एक बार फिर से चल सकता है। इसकी वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा।

पहाड़ों में हुई वर्षा और बर्फबारी से बढ़ी दुश्वारियों का दौर अभी खत्म भी नहीं हुआ है। हालात ये है कि कर्इ गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है और मोटर मार्ग बाधित है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बर्फीली हवा से लोग बेचैन हैं। पांच शहरों में पारा जमाव बिंदु या इससे नीचे जा पहुंचा है। पूरे प्रदेश में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से कम है।

पहाड़ों पर हुई  बर्फबारी ने पर्यटकों की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लोखंडी में आठ दिन से फंसे पर्यटकों को मंगलवार को बमुश्किल निकाला जा सका है। हिमपात वाले इलाकों में बसे चकराता क्षेत्र के चार दर्जन गांवों में जनजीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। आठ दिन से पेयजल, सड़क, संचार जैसी समस्याओं ने लोगों की दुश्वारियां और बढा दी हैं। पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारापत्ती लाने की है।

वहीं चकराता में हिमपात से पेयजल लाइनों के स्रोत जमने पर लोगों को बर्फ पिघलाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। बर्फ प्रभावित गांवों में पिछले दो सप्ताह से लाइनों में पेयजल आपूर्ति ठप है। जल संस्थान के अधिकारी भी पेयजल समस्या दूर नहीं कर पा रहे हैं।

क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाके में बसे ग्रामीणों के सामने सबसे बडी समस्या बीमार को अस्पताल तक पहुंचाने में आ रही है। हाड कंपकपाती ठंड से बीमार हो रहे लोगों को पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ रहा है। कई किमी की दूरी नाप कर लोग स्वास्थ्य सेवा ले पा रहे हैं।

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