- चकराता क्षेत्र के करीब पचास गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । गुरुवार को तड़के अचानक मौसम ने करवट बदल ली। राजधानी देहरादून में सुबह से बादल छाए रहने के बाद बूंदाबांदी हुई। जिसके बाद द्रोणनगरी का तापमान काफी गिर गया। पहले से ही ठंड की मार झेल रहे दूनवासियों को मौसम के इस अंदाज के चलते हाल फिल्हाल कोई राहत मिलते दिखाई नहीं पड रही। वहीं रुद्रप्रयाग सहित केदारनाथ में बादल छाए रहे। यहां बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। चमोली जिले में देर रात से हो रही बारिश गुरूवार सुबह आठ बजे थमी। यहां आसमान में बादल छाए रहे। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रुक-रुककर बर्फबारी भी हुई। कड़ाके की ठंड से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले चौबीस घंटे के दौरान मैदानी इलाकों में कहीं-कहीं बारिश व पहाड़ों में बारिश-बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। साथ ही देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में ओलावृष्टि की चेतावनी भी जारी की गई है। उधर, बागेश्वर के कपकोट के वाछम और रिखाड़ी में भारी बर्फबारी हुई। करीब 5-6 फुट तक बर्फ पड़ी।
रुद्रप्रयाग में दोपहर 12 बजे बाद बारिश शुरू हुई। वहीं केदारनाथ में फिर से बर्फबारी हुई। सुबह से जिला मुख्यालय सहित रुद्रप्रयाग में घने बादल छाए हुए थे। इससे निचले इलाकों में कड़ाके की ठंड हो गयी है। जबकि केदारनाथ में रुक-रुककर बर्फबारी हुई। चोपता, तुंगनाथ, मदमहेश्वर सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई।
देहरादून व मसूरी में घने बादलों और बूंदाबांदी के कारण तापमान में कमी दर्ज की गई। वहीं, केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के अलावा हेमकुंड साहिब की चोटियों पर हिमपात शुरू हो गया। उत्तरकाशी में बारिश शुरू हो गई, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने लगी। पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग व नई टिहरी में बूंदाबांदी हुई।
मौसम में आए इस बदलाव से राज्य में ठंड बढ़ गई है। प्रदेश के पांच जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। मौसम विभाग ने इसकी चेतावनी जारी की है। जबकि अन्य जिलों में बादल छाए रहने का अनुमान है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून के साथ हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में ओले गिरने का भी अनुमान है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बादल छाने और बारिश से दिन के तापमान गिरने की संभावना है। हालांकि रात का तापमान सामान्य बना रहेगा।
हिमपात वाले इलाकों में बसे चकराता क्षेत्र के करीब पचास गांवों में जनजीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। दस दिन से पेयजल, सड़क की समस्याओं ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी हैं। पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारापत्ती लाने की है। त्यूणी-चकराता-मसूरी हाईवे दस दिन बाद भी न खुलने से बर्फ प्रभावित गांवों में लोगों के घरों में राशन नहीं पहुंच पाया। लोकल बाजार से सामान लाने को ग्रामीणों को बर्फ पर कई किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।
उधर, चकराता में तो पर्यटक बर्फ देखने आ रहे हैं, लेकिन लोखंडी में पर्यटकों के फंसे रहने की घटना को देखते हुए वह लोखंडी, खडंबा आदि स्थलों पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के चकराता मुख्य में इस बार दो फीट व ऊंचाई वाले इलाकों लोखंडी, लोहारी, खडंबा, बुधेर, मोइलाटाप, कोटी कनासर, देववन आदि में करीब छह फीट तक बर्फबारी हुई थी।
जो दस दिन बाद भी नहीं खुल पाए। हिमपात के कारण पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड है। घरों में अंगीठियां तापने के बाद भी ठंड से निजात मिलना मुश्किल हो रहा है। हिमपात प्रभावित इलाकों से नजदीक के बाजारों चकराता, क्वांसी, त्यूणी तक आने व सामान पीठ पर लेकर जाने में पूरा दिन लग रहा है। फिसलन भरे रास्तों पर दस से बीस किमी पैदल सफर करने के बाद ग्रामीण बाजार से पीठ पर सामान ढोने को मजबूर हैं। हिमपात से पेयजल लाइनों के स्त्रोत जमने पर लोगों को बर्फ पिघलाकर प्यास बुझानी पड़ रही है।