यूनेस्को ने 2005 में किया था इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून :यूनेस्को ने 2005 में फूलों की घाटी को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था जो गुरुवार को शीतकाल में पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी। एक जून को इसे पर्यटकों के लिए खोला गया था। इस साल यहां पर्यटकों की आमद और राजस्व का नया रिकॉर्ड बना। इस बार 17 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने फूलों की घाटी के दीदार किए, इनसे 27 लाख से अधिक का राजस्व अर्जित हुआ।
फूलों की घाटी वन प्रभाग के वन क्षेत्रधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि इस साल फूलों की घाटी में रिकार्ड 17,424 पर्यटक पहुंचे। इनमें 16,904 भारतीय और 520 विदेशी शामिल हैं। यह संख्या अब तक की सर्वाधिक है। पिछला रिकॉर्ड वर्ष 2018 में 14742 पर्यटकों की आमद का था। इसी तरह आय के मामले में भी नया रिकॉर्ड बना है।
इस साल अब तक 27 लाख 825 रुपये की आय हो चुकी है। घाटी में पर्यटकों की खासी आमद से स्थानीय पर्यटन और होटल व्यावसाइयों के भी चेहरों पर रौनक है, इस दौरान उन्होंने उम्मीदों से बढ़कर कारोबार किया। बताते चलें कि वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद कुछ सालों तक यहां पर्यटकों का रुख बहुत कम रहा।
आपदा के अगले साल यानि वर्ष 2014 में 484 पर्यटक और 2015 में 181 पर्यटक ही फूलों की घाटी पहुंचे थे। जैवविविधता का खजाना : 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी को जैवविविधता के खजाने के रूप में जाना जाता है। यहां प्राकृतिक रूप से खिलने वाली 500 से अधिक प्रजातियों के फूल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। घाटी में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों, पशु-पक्षियों का संसार भी यहां बसता है।
इस खूबसूरत घाटी के दीदार के लिए हर साल हजारों देशी विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। इन्हीं खूबियों को देख यूनेस्को ने 2005 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।