आरक्षण के विरोध में सड़कों पर उतरे उत्तराखंड के युवा

- विरोधस्वरूप प्रधानमंत्री मोदी को भेजे अपने-अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र
- भारत बंद का उत्तराखण्ड में मिला जुला असर, दून में आंशिक रहा असर
- अल्मोड़ा में भारत बंद का पूर्ण और हल्द्वानी में आंशिक रहा असर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । उत्तराखंड में सवर्ण वर्ग के संगठनों की ओर से भारत बंद के आह्वान पर एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में राज्य के अधिकतर जिलों में सुबह से ही बाजार बंद रहे। सूबे के पर्वतीय इलाकों में जिसे दूध और दवा जैसी जरूरी सुविधाएं भी ठप रहीं। वहीं प्रदेश की राजधानी देहरादून में भारत बंद का आंशिक असर देखने को मिला।
उत्तराखंड में गुरुवार को आरक्षण के विरोध में गौचर, कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, थराली और गैरसैंण में बाजार बंद रहे। अखिल भारतीय समानता मंच के आवाह्न पर यहां बाजार बंद रहा। बताया गया कि इस बंद को व्यापार संघ सहित कई संगठनों का समर्थन है। रुद्रप्रयाग जिले में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला।
चमोली जिले के गौचर में एससी एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद का व्यापक असर रहा। सुबह से ही बाजार पूरी तरह से बंद रहा। जिससे दूध, दवा जैसी आवश्यक सेवाओं के प्रतिष्ठान भी ठप रहे। ग्रामीण क्षेत्रों से खरीददारी करने आए ग्रामीणों को बैरंग लौटना पड़ा। सभी मेडिकल स्टोर पूर्णतया बंद रहने से मरीजों के तीमारदार दवाओं के लिए भटकते रहे। बाजार में जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं में बैठे व्यापारी एससी एसटी एक्ट और आरक्षण के विरोध में चर्चा-परिचर्चा में मशगूल रहे।
वहीं टिहरी के चमियाला में भी बाजार बंद कर तहसील में प्रदर्शन किया गया। यहां विरोध स्वरूप जुलूस भी निकाला गया। वहीं अल्मोड़ा के चैखुटिया और हल्द्वानी के चोरगलिया बाजार में भी बंद का असर देखने को मिला।
वहीँ जहां देश के कई हिस्सों में SC-ST एक्ट आरक्षण के विरोध को लेकर कई संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. वहीं राजधानी में सैकड़ों युवाओं ने सड़क पर उतरकर देश से आरक्षण हटाओ और देश बचाओ जैसे नारों के साथ रैली निकाली। साथ ही जिलाधिकारी के माध्यम से युवाओं ने आरक्षण के विरोध में एक मांग पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा।
वहीं आरक्षण का विरोध कर रहे नव भारत निर्माण संस्था के संयोजक सुभाष जोशी ने कहा कि आरक्षण रूपी राक्षस देश के होनहार योग्य युवाओं के सपनों को समाप्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान निर्माताओं द्वारा आरक्षण को मात्र 10 साल के लिए रखा गया था. लेकिन समय-समय पर राजनीतिक दलों ने आरक्षण को सत्ता का हथियार बना लिया।
उन्होंने कहा कि जातीय आरक्षण के चलते देश में असमानता बढ़ी है और योग्यता का उपहास हुआ है। ऐसे में अब देश की संसद में विधेयक लाकर आरक्षण को समाप्त करने का समय आ चुका है।
वहीं छात्रों का कहना है कि आज मेहनत करने वाले युवाओं के साथ हर तरफ से मायूसी हाथ लग रही है। किसी भी संस्थान में भारी आरक्षण की वजह से योग्य और प्रतिभाशाली युवाओं का कहीं भी चयन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि देश से आरक्षण को हटाना होगा ताकि किसी भी स्तर पर भेदभाव ना हो सके।
वहीं आरक्षण का विरोध कर रही छात्रा सोनिया ने कहा कि वह खुद आरक्षण की मार झेल चुकी हैं। मेरिट लिस्ट में आने के बावजूद आरक्षण की वहज से उन्हें सरकारी संस्थान में सीट नहीं मिल पायी और वे अभी भी बेरोजगारी की मार झेल रही हैं।
आरक्षण के विरोध में भारत बंद का अल्मोड़ा में गुरुवार को पूर्ण असर दिखाई दिया। लगभग सभी दुकानें बंद रहीं। वहीं हल्द्वानी में आंशिक असर रहा। ज्यादातर दुकानें खुली रहीं।
अल्मोड़ा के विकासखंड धौला देवी के कई स्कूलों और दन्या बजार में बंद का असर दिखाई दिया। सुबह से ही व्यापार मंडल व क्षेत्र जनप्रतिनिधियों ने देशव्यापी बंद में शिरकत करते हुए स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को बंद कराया। नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। लोकल से जाने वाले वाहनों की आवाजाही बंद रही। इसके चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बंद में शिरकत करने वालों में व्यापार मंडल महामंत्री गोविंद जोशी, ग्राम प्रधान डीके जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता हरीश दरमवाल, कमल जोशी, मनोज बोरा, बीडीसी सदस्य हरीश जोशी आदि शामिल रहे। वहीं देघाट में बंद के समर्थन में पूरी बाजार बंद रहा। साथ ही व्यापारियों ने चौकी देघाट में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। भिकियासैंण बाजार भी पूर्ण रूप से बंद रहा।
सोमेश्वर में भी आरक्षण के विरोध में बाजार पूरी तरह से बंद रहा। इसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। कई संगठनों ने बंद को समर्थन दिया। धौलछीना में व्यापार मंडल ने भारत बंद को पूर्ण समर्थन दिया। चौखुटिया में भी बाज़ार पूर्ण रूप से बंद रहे। दन्या बाजार भी बंद रहा। दूसरी ओर, हल्द्वानी में बंद का आंशिक असर रहा। ज्यादातार बाजार खुले रहे। भारत बंद के तहत कलावती कॉलोनी चौराहे पर नवाबी रोड के लोगों ने आरक्षण का पुतला फूंका। नवाबी रोड की सभी दुकानें विरोध में बंद रहीं। वहीं व्यापारी आगे की रणनीति बनाने के लिए बैठक कर रहे हैं। शाम चार बजे तक दुकानें बन्द कर विरोध करने का आह्वान किया।