POLITICS
उत्तराखंड को अब नेताओं की नहीं सेवकों की आवश्यकता

- एक नया आंदोलन संपूर्ण प्रदेश में किया जाएगा खड़ा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड की मूल भावनाओ तथा उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों के सपनों को पूर्ण करने के लिए मोर्चे का गठन करने का निर्णय लिया गया। जिसमें पलायन, बेरोजगारी,नशामुक्ति तथा जल जंगल- जमीन बचाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर उत्तराखंड राज्य आंदोलन जैसा ही एक नया आंदोलन संपूर्ण प्रदेश में खड़ा किया जाएगा।
गौरतलब हो इससे पहले मोर्चे के गठन को लेकर तीन बार विभिन्न स्थानों पर बैठकें हो चुकी हैं जिसमें भाजपा और कांग्रेस से विधानसभा चुनाव के दौरान बहुत ही कम मतों से हारे तमाम जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की।
वक्ताओं का कहना था राज्य निर्माण से आज तक 18 वर्ष होने के बाद भी आज यहां की जनता को सरकार से जो आशा थी वह पूरी नहीं हो पाई , उसे पूरा करने के लिए मोर्चा प्रदेश के सभी बुद्धिजीवियों , विभिन्न मंचों से सामाजिक कार्य कर रहे समाज सेवियों , बुद्धिजीवियों,भूतपूर्व सैनिकों, युवाओं, मातृशक्ति को एकजुट करके संपूर्ण प्रदेश में जन जागरण किया जाएगा ।
वक्ताओं ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय दलों द्वारा उत्तराखंड की जनता को छला गया है अब मोर्चा राज्य हित में संघर्ष करेगा । उत्तराखंड को अब नेताओं की नहीं सेवकों की आवश्यकता है, मोर्चा सेवक बनकर ही काम करेगा। वक्ताओं ने कहा कि मोर्चा प्रदेश के सभी वर्गों के हितों को ध्यान रखकर कार्य करेगा तथा राष्ट्रीय दलों की प्रति उत्तराखंड वासियों के नकारात्मक भाव को एक नया विकल्प प्रदान करेगा
इस अवसर पर उत्तरकाशी से सूरत राम नौटियाल , पुरोला विधानसभा से दुर्गेश , रायपुर विधानसभा से महेंद्र नेगी, मसूरी विधानसभा से राजकुमार जायसवाल, चौबटिया खाल से कवींद्र ईस्टवाल, एडवोकेट पंकज सुंद्रियाल, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विष्णु डोभाल , कर्नल बीपी परमार, रानीखेत विधानसभा से प्रमोद नैनवाल आदि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए दो दर्जन से अधिक प्रमुख नेता उपस्थित थे।