देवभूमि मीडिया ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के निर्देशों का खुला उल्लंघन करते हुए पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील केदारनाथ इलाके में हजारों टन प्लास्टिक के कचरे को जलाने का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। यह कूड़ा कचरा गौरीकुंड इलाके में धू धू कर जल रहा है। केदारनाथ रूट पर इस कूड़े कचरे के जलने की वजह से आस पास के इलाके की आबोहवा बुरी तरह प्रदूषित हो रही है।
लापरवाही का ये आलम तब है जब चारधाम में व्यवस्थाओं नके निरीक्षण के लिए मुख्य सचिव संधु से लेकर शासन के कई अधिकारी केदारनाथ का दौरा कर चुके हैं। मंत्रियों का भी आना जाना लगा हुआ है।
वीडियो में साफ दिख रहा कि किस तरह लापरवाही के साथ गौरीकुंड इलाके में हजारों टन कूड़ा कचरा बिखरा हुआ है। जिला व स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे यह कूड़ा जलने के बीच ही तीर्थयात्रियों की आवाजाही लगी हुई है। कूड़े के जलने की आवाज दूर से ही सुनायी दे रही है। इलाका धुंआ धुंआ जो रखा है।
गौरतलब है कि अभी तक केदारनस्थ में 8 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही इस पवित्र इलाके में प्लास्टिक बोतल, पॉलीथिन व खाली मिल्क पैकेट आदि के ढेर लग चुके हैं। अधिकारियों के तमाम दावे के बावजूद उच्च हिमालयी इलाके में कूड़े के पहाड़ बनने से स्थानीय लोग, श्रद्धालु व पर्यावरणविद भी काफी गुस्से में है। 2 मिनट 18 सेंकड के इस वीडियो ने अफसरशाही के दावों की पोल खोल दी है।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में प्लास्टिक और अन्य कूड़े के अंबार पर वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है. हिमालयी क्षेत्रों पर शोध करने वाले वाले गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एमएस नेगी का कहना है कि केदारनाथ में लगे कूड़े के ये ढेर भविष्य के लिये बहुत बड़ा खतरा है अब उससे भी भयावह तस्वीर दिख रही है कचरे को जलाना, ठोस अप्सिष्ट प्रबंधन के अभाव में कचरे को जलाया जा रहा है जो कि ज़बरदस्त कार्बन उत्सर्जन करेगा ।
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देवभूमि मीडिया ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के निर्देशों का खुला उल्लंघन करते हुए पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील केदारनाथ इलाके में हजारों टन प्लास्टिक के कचरे को जलाने का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। यह कूड़ा कचरा गौरीकुंड इलाके में धू धू कर जल रहा है। केदारनाथ रूट पर इस कूड़े कचरे के जलने की वजह से आस पास के इलाके की आबोहवा बुरी तरह प्रदूषित हो रही है।लापरवाही का ये आलम तब है जब चारधाम में व्यवस्थाओं नके निरीक्षण के लिए मुख्य सचिव संधु से लेकर शासन के कई अधिकारी केदारनाथ का दौरा कर चुके हैं। मंत्रियों का भी आना जाना लगा हुआ है।वीडियो में साफ दिख रहा कि किस तरह लापरवाही के साथ गौरीकुंड इलाके में हजारों टन कूड़ा कचरा बिखरा हुआ है। जिला व स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे यह कूड़ा जलने के बीच ही तीर्थयात्रियों की आवाजाही लगी हुई है। कूड़े के जलने की आवाज दूर से ही सुनायी दे रही है। इलाका धुंआ धुंआ जो रखा है।गौरतलब है कि अभी तक केदारनस्थ में 8 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही इस पवित्र इलाके में प्लास्टिक बोतल, पॉलीथिन व खाली मिल्क पैकेट आदि के ढेर लग चुके हैं। अधिकारियों के तमाम दावे के बावजूद उच्च हिमालयी इलाके में कूड़े के पहाड़ बनने से स्थानीय लोग, श्रद्धालु व पर्यावरणविद भी काफी गुस्से में है। 2 मिनट 18 सेंकड के इस वीडियो ने अफसरशाही के दावों की पोल खोल दी है।उच्च हिमालयी क्षेत्रों में प्लास्टिक और अन्य कूड़े के अंबार पर वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है. हिमालयी क्षेत्रों पर शोध करने वाले वाले गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एमएस नेगी का कहना है कि केदारनाथ में लगे कूड़े के ये ढेर भविष्य के लिये बहुत बड़ा खतरा है अब उससे भी भयावह तस्वीर दिख रही है कचरे को जलाना, ठोस अप्सिष्ट प्रबंधन के अभाव में कचरे को जलाया जा रहा है जो कि ज़बरदस्त कार्बन उत्सर्जन करेगा ।इस सॉलिड वेस्ट का निस्तारण ठीक से न हो पाना एक विकराल समस्या बन गया है. खासतौर से हिमालय की संवेदनशील इकोलॉजी और यहां पर मौजूद अनमोल वनस्पतियों और जीव जंतुओं पर इसका असर पड़ रहा है