- शहीद मनदीप और हमीर की राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि
- कोटद्वार और ऋषिकेश में शहीदों की अंत्येष्टि के उमड़ा हुजूम ………
- लोगों ने पाक को सबक सिखाने को की नारेबाजी
- हज़ारों की संख्या में शामिल हुए लोग
- दोनों जगह रहे बाजार बंद
कोटद्वार: कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकवादी घुसपेठ को रोकते हुए उत्तराखंड के दो लाल शहीद हो गए, जिनमे से एक थे कोटद्वार के मंदीप सिंह। आज(गुरुवार) सुबह कोटद्वार के लाल मंदीप सिंह की अंतिम यात्रा में इस कदर भीड़ देखने को मिली कि मानो पूरा कोटद्वार शहर ही भारत माता के लाल को अपनी श्रद्धांजलि देने सड़कों पर उतर आया हो , इतनी भीड़ कारगिल युद्ध के बाद पहली बार कोटद्वार की सड़कों में देखने को मिली।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सेना द्वारा राजकीय चिकित्सालय से शहीद मनदीप सिंह के पार्थिक शरीर को उनके निवास स्थान शिवपुर ले जाया गया, जहां उनकी माता सूमो देवी बड़ी बेसब्री से अपने लाल का आखिरी इंतजार कर रही थी। मंदीप की माताजी तो मानो अभी भी अपने बेटे के फोन का इंतजार हो, जिससे उन्होंने सोमवार की रात को यह कहकर फ़ोन किया था कि मां मैं तुम्हें कल मंगलवार को फोन करूंगा पर किसे पता था कि वो कल अब कभी नहीं आएगा और मंदीप देश के लिए अपना बलिदान देकर देश के लिए कुर्बान हो गया।
आज(गुरुवार) सुबह 9:00 बजे मनदीप सिंह की अंतिम यात्रा राजकीय सम्मान के साथ ग्राम शिवपुर से शुरू होकर मुक्तिधाम पहुंची, इस दौरान सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में महिला,पुरुष, स्कूली बच्चे हाथों में फूल लेकर खड़े थे। जिसके बाद अंतिम यात्रा मुक्तिधाम पहुची, जंहा सेना के अधिकारी और राजनेताओं ने पुष्पचक्र चढाये और उसके बाद सेना द्वारा अपने वीर जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और मंदीप पंच तत्वों में विलीन हो गया, इस दौरान कोटद्वार का बाजार भी बंद रहा और नगर ही नही ग्रामीण छेत्रो के लोग भी मंदीप को अंतिम विदाई देने पहुचे। इस दौरान कोटद्वार विधायक डॉ.हरक सिंह रावत के परिजनों में उनकी धर्मपत्नी दीप्ती रावत, पुत्रवधु और उनके ओएसडी विनोद रावत के साथ ही बड़ी संख्या में इलाके के लोग शामिल हुए।
ऋषिकेश : शहीद हमीर पोखरियाल की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। गुमानीवाला गांव से लोग पैदल ही 6 किलोमीटर दूर पूर्णानंद घाट पर पहुंचे। शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रख कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
भीड़ में शामिल लोग भारत माता की जय जब तक सूरज चांद रहेगा हमीर तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। अंतिम यात्रा में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अलावा भाजपा कांग्रेस सहित विभन्नि राजनीतिक दलों के लोग यात्रा में शामिल हुए। शहीद के सम्मान में व्यापारियों ने भी अपने प्रतष्ठिान बंद रखें पूरे मार्ग में शहीद के शव पर पुष्प वर्षा की गई।
गौरतलब है कि ऋषिकेश के गुमानीवाला श्यामपुर निवासी राईफलमैन हमीर पोखरियाल (27) सुबह 6 बजे आतंकियो से लोहा लेते वक्त शहीद हो गए थे। वह पोखरियाल के लम्बगांव के मूल निवासी थे। हमीर पोखरियाल 2012 में लैंसडाउन सैन्य छावनी से गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। वर्तमान में 36 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। शहीद के पिता सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) में सब इंस्पेक्टर हैं। शहीद के चाचा शैलेंद्र पोखरियाल और आलेंद्र पोखरियाल भी सेना में हैं। वे भी जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। छोटा भाई सुनील पोखरियाल पॉलीटेक्निक का छात्र है।