DEHRADUN

देहरादून शहर को प्लास्टिक वेस्ट से मुक्त करने के लिए द ग्रेट देहरा प्लास्टिक वेस्ट एंड ब्रैंड ऑडिट-2020

कॉरपोरेट ब्रैंड्स को प्लास्टिक वेस्ट रूल्स 2016 के तहत प्लास्टिक के निस्तारण पर काम करने के लिए  करेंगे बाध्य

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : एसडीसी के ब्रैंड ऑसहित विभिन्न शहरी मुद्दों पर कार्य करने वाली देहरादून की प्रमुख संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने शहर को बढ़ते प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के लिए “द ग्रेट देहरा प्लास्टिक वेस्ट एंड ब्रैंड ऑडिट-2020″अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत फाउंडेशन अन्य सहयोगी संगठनों के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरा एकत्रित करके उसे अलग-अलग श्रेणियों में बांट कर ऑडिट और रीसायकल करेगा। फाउंडेशन इस पूरे वर्ष यह अभियान चलाएगी।

अभियान की शुरुआत सोमवार को माता मंदिर रोड स्थित आशीर्वाद एन्कलेव से की गई। फाउंडेशन ने दो सहयोगी संस्थाओं विकप्ल और तब्दील के साथ मिलकर इस पूरे क्षेत्र में प्लास्टिक वेस्ट एकत्र करके ऑडिट किया। इस कार्यक्रम में यूपीईएस के छात्रों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के तहत प्लास्टिक कचरे को एकत्रित करके इसे तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया।

एसडीसी के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि इस अभियान के दौरान जो प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया गया उसे ब्रैंडेड वेस्ट, नॉन ब्रैंडेड वेस्ट और कपड़े के थैले के नाम पर प्रचारित किये जाने वाले प्लास्टिक वेस्ट के रूप में अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया। उन्होंने कहा कि इस ऑडिट में सबसे ज्यादा 27 किलो नॉन ब्रैंडेड प्लास्टिक कचरा मिला। यह वह कचरा है, जो किसी खास ब्रांड का नहीं है। यह कचरा ज्यादातर सामान ले जाने वाली पन्नियों के रूप में है। इसके अलावा 8.5 किलो ब्रैंडेड वेस्ट एकत्रित किया गया। इसमें विभिन्न ब्रांडों के प्लास्टिक पैकेट शामिल हैं। जबकि 4.7 किलो प्लास्टिक की वे पन्नियां एकत्रित की गई, जिन्हें कपड़े के थैले के रूप में प्रचारित और वितरित किया जाता है। अनूप नौटियाल ने बताया कि उनका फाउंडेशन वर्षभर यह अभियान चलायेगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्लास्टिक वेस्ट को लेकर जागरूक करना और संबंधित कंपनियों को पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले अपने प्लास्टिक कचरे का खुद निस्तारण करने के लिए बाध्य करना है।

एसडीसी के ऋषभ श्रीवास्तव ने बताया कि इस ऑडिट के दौरान जो ब्रैंडेड प्लास्टिक वेस्ट निकला उसमें प्रमुख रूप से सनफीस्ट ऐपी, लेस, मदर डेयरी, अमूल, कुरकुरे, टाटा सॉल्ट, हल्दीराम, कैडबरी सेलिब्रेशन का प्लास्टिक कचरा शामिल है। उन्होंने कहा कि इस ब्रैंड ऑडिट से साफ होता है कि कंपनी प्लास्टिक वेस्ट रूल्स-2016 का पालन नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों का इन नियमों का पालन गंभीरता से करना चाहिए, ताकि शहरों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के सरकार के प्रयास सफल हो सकें।

इस कार्यक्रम में एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल और ऋषभ श्रीवास्तव के अलावा सीनियर सिटीजन ओ एन जी सी के सेवानिवृत्त महानिदेशक सुभाष सिलावत, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के पूर्व उप महानिदेशक डॉ. एल एम एस उप्रेती,  विकल्प के तरुण गोयल, तब्दील संस्था केउदित शर्मा,  प्यारेलाल, प्रवीन, गौतम, आदर्श आदि भी मौजूद थे।

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