UTTARAKHAND
राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य बनाने का कर रही है सरकार प्रयास : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र
ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास के लिए अगले दस वर्षों में किये जाएंगे 25 हजार करोड़ रूपए खर्च
सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई जाएगी समिति
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
गैरसैंण में किया गया 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्रों का उद्घाटन
राज्य के हर न्याय पंचायत से यह सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य
ई-पंचायत सेवा केन्द्रों को अपणि सरकार पोटर्ल से जोड़ा जाएगा।उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्माकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में राज्य की 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ई-पंचायत सेवा केन्द्र के लाभार्थियों से ई-संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी की प्रयासों से सभी न्याय पंचायतों में ई सेवा का शुभारम्भ किया गया है। इस सेवा के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर तक 12 प्रकार की सेवाएं लोगों को आसानी से मिल जायेंगी। काॅमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध होने वाली सभी सेवाएं भी ई-पंचायत सेवा केन्द्र के माध्यम से भी उपलब्ध रहेंगी। आने वाले कुछ माह में ई-पंचायत सेवा केन्द्रों को ‘अपणि सरकार’ पोर्टल से भी जोड़ा जायेगा। इस पोर्टल की घोषणा मुख्यमंत्री जी ने गत माह की थी।
डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि इन सेवाओं को और मजबूती देने के लिए ग्राम सभा स्तर पर ई-सेवा केन्द्रों को विस्तारित किया जायेगा। भारत नेट 2.0 के माध्यम से गांव-गांव तक हाई स्पीड नेट पहंचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 02 हजार करोड़ रूपये की धनराशि देने के लिए सहमति प्रदान की है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की पूर्ण उपलब्धता से इन सेवाओं में और तेजी आयेगी और जन समस्याओं का समाधान भी तेजी से होगा। स्वामित्व योजना के तहत बिना किसी विवाद के हर गांवों में लोगों को उनका अधिकार मिलेगा। इस योजना के लिए भी यह सेवा काफी कारगर साबित होगी।
पंचायतीराज मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उत्तराखण्ड देश का ऐसा तीसरा राज्य है, जहां पर सभी न्याय पंचायतों में ई-पंचायत सेवा केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ई-पचंायत सेवा केन्द्र में और सेवाएं जोड़ी जायेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्हें डिजिटल माध्यम से घर से ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।
इस अवसर पर विधायक श्री महेन्द्र भट्ट, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, निदेशक आईटीडीए श्री अमित सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली श्रीमति स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे एवं केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली से सीएससी के अधिकारी जुड़े थे।
गैरसैंण : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि गैरसैण परिक्षेत्र का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास के लिए अगले दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किये जाएंगे। यहां के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी है। राजधानी के लिये जो जरूरी अवस्थापनात्मक विकास जरूरी होता है, उसके लिये मैं घोषणा करता हूँ कि हम आने वाले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करेंगे। 25 हजार करोड़ रूपए से ग्रीष्मकालीन राजधानी के पूरे परिक्षेत्र का विकास होगा।
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भरडीसैण) मे 21 वां राज्य स्थापना दिवस (20वीं वर्षगांठ) बडे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भराडीसैंण विधानसभा परिसर में आईटीबीपी और पुलिस के जवानो की भव्य रैतिक सेरेमोनियल परेड के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुखिया ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद गैरसैंण मे राज्य स्थापना दिवस की सालगिरह मनायी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराङीसैण स्थित विधानसभा परिसर में हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी एक-एक बहन के सिर से घास का बोझ हटा देंगे। इसके लिये व्यापक स्तर काम चल रहा है। हमारी माताएं और बहनें बहुत मेहनती हैं। हमारी कोशिश है कि इनका स्किल डेवलपमेंट कर आर्थिक तौर पर सशक्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही यहां की भावनाओं को समझते हुए उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का निर्माण दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से किया गया था। मैं बहुत से दूरस्थ और सीमांत गांवों में गया हूँ। जनभावनाओ का सम्मान करते हुए गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन बनाया है। गैरसैंण प्रतीक है पहाङवासियों की पीङा का, दर्द का।
हमारी प्राथमिकता शुरू से ही दूरस्थ क्षेत्रों का विकास रहा है। इसी क्रम में हमने रूरल ग्रोथ सेंटर प्रारंभ किये। 104 को स्वीकृति दी जा चुकी है। 40 से अधिक शुरू भी हो गये हैं। बहनों को सशक्त करने के लिये हम महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दे रहे हैं।
राज्य में प्रकृति ने जो भी हमें दिया है, उनमें रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। हम स्वरोजगार को अभियान के तौर पर ले रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण और अनुदान की व्यवस्था है। जिलों में स्वरोजगार पर जिला योजना का 40 प्रतिशत खर्च करने के निर्देश दिये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रुपये में पानी का कनेक्शन दे रहे हैं। कैम्पा में 10 हजार लोंगो को रोजगार देने पर काम कर रहे हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 5 लाख रूपये तक निशुल्क ईलाज की सुविधा दी गई है। महाविद्यालयों में 94 प्रतिशत फैकल्टी है। 500 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज हैं। 700 और स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज शुरू की जाएंगीं। कालेजों में वाई फाई कनेक्टीवीटी दी जा रही है। हमने आशा कार्यकत्रियों के मानदेय और वृद्धावस्था, विधवा व विकलांग पेंशन में बढोतरी की है।
वन नेशन वन राशन कार्ड के योजना में डिजिटल राशनकार्ड किए वितरित
गैरसैंण : राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ी पहल करते हुए भराड़ीसैण गैरसैण में वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत डिजिटल राशनकार्ड वितरित किये।
मुख्यमंत्री ने जनपद चमोली के तीन लोगों को प्रतीकात्मक तौर पर ये राशन कार्ड प्रदान किये। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में किसी भी क्षेत्र के नागरिक राशन कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी राज्य से पीडीएस राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकेंगे | इस योजना के तहत देश के लोग किसी भी राज्य की पीडीएस की दुकान से अपने हिस्से का राशन लेने में पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहेंगे।