- निकाय से लेकर लोकसभा चुनाव तक लड़ेगा ”जनता मोर्चा ”
देहरादून : भाजपा-कांग्रेस के असंतुष्टों ने रविवार को ”उत्तराखंड जनता मोर्चा” को अंतिम रूप दे दिया गया है। उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा की गयी गलतियों से सीख लेते हुए ”जनता मोर्चा” ने भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाते हुए उत्तराखंड के मुद्दों को और जोर से उठाने का संकल्प लेते हुए साफ कर दिया है कि यह मोर्चा पूरी तरह से एक राजनीतिक दल होगा, जिसके लिए झंडे से लेकर संविधान तय करने तक की सारी औपचारिकताओं को छह महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं मोर्चा ने नगर निकाय से लेकर लोकसभा चुनाव तक में दमदारी से हिस्सा लेने का एलान भी किया है। मोर्चा ने फिलहाल एक संयोजक मंडल का गठन किया है, जिसमें आठ लोगों को शामिल किया गया है। भाजपा सरकार के जमाने में दायित्वधारी रहे सूरतराम नौटियाल को मुख्य संयोजक बनाया गया है। अस्थायी राजधानी के एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में मोर्चा गठन करने और उसके उद्देश्यों की जानकारी दी गई। मोर्चा पदाधिकारियों ने भाजपा और कांग्रेस को उत्तराखंड के हितों का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दलों ने अब तक उत्तराखंड को छलने के सिवा कुछ और किया ही नहीं है। उन्होंने बताया जनता मोर्चा भू-अध्यादेश, पहाड़ की राजधानी पहाड़ पर, राजधानी गैरसैंण, प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, पानी, पलायन, बेरोजगारी, विदेशी घुसपैठियों को बाहर करने, पर्यटन और तीर्थाटन का विकास, मूल निवास और भूमि बंदोबस्त, जल, जंगल जमीन बचाने की लड़ाई को जोर-शोर से जन-जन तक पहुंचते हुए एक आंदोलन खड़ा करेगा।
उत्तराखंड जनता मोर्चा में दिए गए दायित्व :-