हाईकोर्ट : सरकारी अस्पतालों में लगाए जांय सीसीटीवी कैमरे

- सरकार ने अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने के लिए क्या किया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं साथ ही डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के रिक्त पदों की भी जानकारी मांगी है। सरकार से यह पूछा है कि सरकार ने इन रिक्त पदों को भरने के लिए अब तक क्या किया है । सरकार को निर्देश दिए हैं कि दो सप्ताह के भीतर कोर्ट को शपथ पत्र देकर इसका जवाब दें।
हल्द्वानी निवासी नरेश अंडोला की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को ये निर्देश दिए। न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की संयुक्त खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 25 सितंबर तय की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की संयुक्त खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिये कि वह प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के प्रमुख स्थानों को सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित करे। हाईकोर्ट ने सभी सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी, ओपीडी समेत पर्चा बनाने वाले कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश सरकार को दिए हैं।
हल्द्वानी निवासी नरेश अंडोला की ओर से हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के सुशीला तिवारी अस्पताल में बीते तीन सप्ताह में नौ बच्चों की असमायिक मौत हो गई। याचिका में बच्चों की मौत के लिए चिकित्सकों की कमी को मुख्य कारण बताया गया है। मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की रिक्तियों के संबंध में जानकारी तलब की।