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500 करोड़ में सरकार गिराने के आरोप आधारहीन: पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत

500 करोड़ में सरकार गिराने के आरोप आधारहीन: पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत

देहरादून।

भाजपा पूर्व सीएम निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत ने 500 करोड़ इन सरकार गिराने की साजिश सम्बन्धी निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को खुली चुनौती भी दे डाली। गौरतलब है कि निर्दलीय विधायक ने गैरसैंण के विधानसभा सत्र में 22 अगस्त को कहा था कि गुप्ता बन्धु 500 करोड़ में सरकार गिराने की साजिश रच रहे हैं। बिना किसी सबूत के सदन में किये गए दावे के सम्बंध में कोई सबूत पेश नहीं किये गए। और न ही स्पीकर व भाजपा सदस्यों ने इस दावे के दौरान सदन में टोका टोकी ही की।

पांच करोड़ में धामी सरकार गिराने के गैरसैंण ‘खुलासे’ के बाद कोमा में चले गए भाजपा व कांग्रेस के बड़े व जिम्मेदार नेताओं को पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने आईना दिखा दिया। पूर्व सीएम ने साफ कह दिया कि 500 करोड़ सरकार गिराने की साजिश का दावा आधारहीन है। निर्दलीय विधायक के दावे में कोई सत्यता नहीं है। यह भ्रम फैलाने वाली बात है। पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार मनोयोग से जनहित के काम कर रही है।

हालांकि, अगले दिन सीएम धामी ने पूरे मसले की जांच कराए जाने की बात कही थी। लेकिन एक पखवाड़ा बीतने के बाद अभी तक इस सनसनीखेज व राज्य सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाने वाले ‘खुलासे’ की कोई जांच पड़ताल नहीं हुई।

इधर, सत्ता के गलियारों में भाजपा संगठन के बड़े नेताओं, मंत्रियों ने भी निर्दलीय विधायक के ‘खुलासे’ पर मौन साध लिया। उनकी यह रहस्यमय चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है। भाजपा के पूर्व सीएम निशंक व त्रिवेंद्र के सवाल उठाने के बाद भी स्पीकर ने निर्दलीय विधायक से प्रमाण मांगने के बजाय यह कहकर गेंद दूसरे पाले में खिसका दी कि किसी भी विधायक ने इस सम्बंध में उन्हें कोई पत्र नहीं दिया।

बहरहाल, एक निर्दलीय विधायक की इस बड़े व अप्रत्याशित दावे की अभी तक् जांच शुरू नहीं हुई है।

इस पूरे मामले में गुप्ता बंधुओं से नेताओं के करीबी सम्बंध भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। कौन- कौन नेता दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधुओं के मेहमान बने। और गुप्ता बंधुओं के साथ किन लोगों ने किस तरह का व्यापार किया। यह जांच के बाद ही सामने आ पायेगा।

गौरतलब है कि दून के बिल्डर बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में गुप्ता ब्रदर्स जेल की हवा खा चुके हैं। इन दिनों वे जमानत पर हैं।

बहरहाल, जुलाईं माह में पार्टी कार्यसमिति की बैठक में पार्टी हाईकमान के प्रत्याशी थोपने व अन्य मसलों पर बेबाकी से अपनी बात रख कर सुर्खियों में आये।पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने संगठन व अन्य जिम्म्मेदार नेताओं को भी कठघरे में अवश्य खड़ा कर दिया है।

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