Uttarakhand

अचानक हैली सेवाओं को बंद करने से केदारनाथ यात्रा पर पड़ा बुरा असर

  • सात हेली कंपनियों की सेवाओं पर लगी रोक
  • अपनी मनमर्जी से उडाने भर रही थी हेली सेवाएं
  • एनजीटी और नागरिक उड्डयन विभाग की शर्तों का नहीं किया जा रहा पालन
  • अचानक लिए गए इस निर्णय से उनका यात्रा का पूरा शिड्यूल बदला 

रुद्रप्रयाग । सूबे के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा अचानक हैली सेवाओं को बंद करने से केदारनाथ यात्रा पर इसका बुरा असर पड़ा है । सैकड़ों यात्रियों  को हैली सेवाओं के बजाय पैदल और कई यात्रियों को बिना केदार के दर्शन के वापस लौटना पड़ा है। यात्रियों का कहना है कि सूबे की सरकार को यदि हैली सेवाओं को बंद करना था तो काम से काम एक सप्ताह पूर्व इसकी सूचना अखबारों या टीवी के माध्यम से प्रसारित करनी चाहिए थी इससे न उनका पैसा बर्बाद होता और न समय।  यात्रियों ने बताया कि अचानक लिए गए इस निर्णय से उनका यात्रा का पूरा शिड्यूल बदल गया है। 

गौरतलब हो कि  नागरिक उड्डयन विभाग की शर्तों और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों का पालन ना किये जाने पर केदारनाथ में संचालित हवाई कंपनियां पर रोक लगा दी गई है। नागरिक उड्डयन विभाग ने हवाई सेवाओं पर रोक लगाई है। केदारनाथ में नौ हवाई कंपनियां सेवाएं दे रही हैं, जिनमें दो कंपनियां ही नियमों एवं शर्तों का पालन कर रही हैं, जबकि सात हेली सेवाएं नियमों को ताक पर रखकर सेवाएं दे रही हैं। ऐसे में नागरिक उड्डयन विभाग ने हवाई सेवाओं पर रोक लगा दी और कंपनियों से रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। लेकिन 

दरअसल, केदारनाथ में नौ हवाई सेवाओं में सात हेली सेवाएं नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। इन्हें नागरिक उड्डयन विभाग ने शर्तों के तहत रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था, जबकि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से सीमित ऊंचाई पर ही उड़ाने भरने के लिए कहा गया था, मगर ये हेली सेवाएं अपनी मनमर्जी के तहत उड़ाने भरने में लगी थी। ऐसे में नागरिक उड्डयन विभाग ने कड़ा रूख अपनाते हुए इन हेली सेवाओं पर रोक लगा दी है और इन्हें एक दिन का समय देते हुए नियमों एवं शर्तों को पूरा करने के निर्देश दिये हैं।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि केदारघाटी में संचालित हवाई सेवाएं शर्तों एवं नियमों का पालन नहीं कर रही हैं और हेली सेवाओं के संचालन के बावजूद आज तक रिपोर्ट नहीं सौपी गई है। इसके साथ ही हेली कंपनियां एनजीटी के नियमों का पालन भी नहीं कर रही हैं। अपनी मनमर्जी से उड़ाने भरी जा रही हैं, जिससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है और जंगली जानवर भयभीत हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन हेली सेवा कंपनियों को एक दिन का समय दिया गया है, अगर ये हेली सेवाएं रिपोर्ट नहीं सौंपती है तो इनके विरूद्ध कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।

वहीं हेली सेवाओं पर रोक लगने के बाद एडवांस बुकिंग पर आये तीर्थयात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्हें अन्य हेली कंपनियां भी केदारनाथ नहीं ले जा पाई। केदारनाथ के लिए नौ हेली सेवाओं में मात्र दो हेली सेवाओं ने मंगलवार को उड़ाने भरी। इन दो हेली सेवा कंपनियों की बुकिंग पहले से ही ज्यादा थी, ऐसे में वे अन्य कंपनियों के यात्रियों को नहीं ले जा पाये। आपको बता दें कि केदारनाथ में हेली सेवा शुरू होने के बाद ही भक्तों की तादात में इजाफा हुआ है। पिछले एक सप्ताह पूर्व शुरू हुई सेवा से हर दिन पन्द्रह से दो हजार तीर्थ यात्री बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं। ऐसे में हेली सेवाओं पर रोक लगने से तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी कमी देखने को मिलेगी।

devbhoomimedia

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