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प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति निजी निवेशकों को आकर्षित करेगी: महाराज

State government’s new tourism policy will attract private investors: Maharaj
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति निजी निवेशकों को आकर्षित करेगी। इससे प्रदेश में जहां पर्यटन क्षेत्र का विकास होगा वहीं बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। महाराज ने नई दिल्ली में होटल अशोक में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के समापन अवसर पर उक्त बातें कही।

महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले पर्यटकों की सहूलियत के लिए सरकार बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है। इसमें निजी निवेश की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति निजी निवेशकों को आकर्षित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति 2023 राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निजी उद्योगों को प्रोत्साहन देगी।

नई पर्यटन नीति 2023 में नये पर्यटन उत्पादों और सेवाओं जैसे हैली टूरिज्म, कारावान टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर (केवल इलैक्ट्रिक वेहिकल्स) के लिए 100 प्रतिशत पूंजिगत सब्सिडी का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में व्यवसाय के वातावरण को सरल बनाने के प्रयासों के परिणाम स्वरूप राज्य की ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग साल 2015 में 23वें रैंक से बढ़कर 2021 आते आते 11वीं हो गई। वर्ष 2022 में उत्तराखंड को एचीवर्स की श्रेणी में रखा गया है।

पयर्टन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड फिल्म शूटिंग के लिए पसंदीदा स्थल रहा है। राज्य में नैनीताल, मसूरी, गंगा, चारधाम, जिम कॉर्बेट, गढ़वाल और कुमाऊं का पर्वतीय भूभाग फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करता रहा है। प्रदेश सरकार ने पर्यटन नीति के मुताबिक निर्माताओं को फिल्म साइट के लिए शीघ्र अनुमोदन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

पयर्टन मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के दिशा-निर्देशों और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बद्रीनाथ धाम को एक Smart Spritual Hill Town के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार चरणबद्ध रूप से कार्य करवा रही है। वहीं प्रदेश सरकार देश के अन्य क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने पर तेजी से काम कर रही है।

दिल्ली से देहरादून के लिए एक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है जिससे दोनों शहरों की दूरी दो-ढाई घंटे रह जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में हवाई सेवाओं को भी विस्तार दिया जा रहा है।

आगामी अप्रैल माह से प्रदेश में चारधाम यात्रा प्रारंभ होने वाली है। यात्रा के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। यात्रियों के लिए चार माध्यम से पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु ऑनलाइन पोर्टेल, मोबाइल एप, ऑन कॉल और व्हाट्सएप के जरिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। 21 फरवरी से प्रारंभ हुई पंजीकरण प्रक्रिया के तहत अब तक 7 लाख 73 हजार से अधिक पंजीकरण किए जा चुके है।

उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। चमोली के बेनीताल को देश के एस्ट्रो विलेज के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा एस्ट्रो टूरिस्ट बागेश्वर, भीमताल, कौसानी, मुनस्यारी और खलिया टॉप से स्टारगेजिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। राज्य को एक प्रसिद्ध वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए, विश्व प्रसिद्ध त्रियुगीनारायण मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य जल्द ही प्रारम्भ किया जायेगा। इसके अलावा अल्मोड़ा में सरायखेत और नैनीताल में मारचुला को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। अल्मोड़ा के प्रसिद्ध चितई गोलू देव मंदिर को भी विवाह गंतव्य स्थल के लिए विकसित किया जाएगा।

राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत अब तक 7,200 (सात हजार दो सौ) से अधिक लोगों को रोजगार मिल चुका है। वहीं राज्य में दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना चलायी जा रही है ताकि विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में एक स्वच्छ, सस्ती और मानक आवासीय सुविधाएं मिल सकें। अब तक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 4600 (छियालीस सौ) आवासीय इकाइयां पंजीकृत की जा चुकी हैं।

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 16,500 (सोलह हजार पांच सौ) लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। चिंतन शिविर में उत्तराखण्ड राज्य सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

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