सपा नहीं टूटेगी, अखिलेश होंगे अगले मुख्यमंत्री : मुलायम
लखनऊ/ नई दिल्ली। चुनाव आयोग में ‘साइकिल’ पर अपना दावा जताकर लौटे समाजवादी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को पैंतरा बदलते हुए कहा कि अगले चुनाव में अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।
मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न देने वाले फार्म पर हस्ताक्षर किसके होंगे, इन सवालों का जवाब नहीं दिया। मंगलवार को अखिलेश के साथ बैठक में इन सवालों पर चर्चा होगी। इसमें विवाद सुलझ सकता है। हालांकि, बात बिगड़ने की आशंका भी बरकरार है।
सोमवार को शाम साढ़े छह बजे मुलायम सिंह यादव दिल्ली से लखनऊ पहुंचे। वह सीधे विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने आवास गए। यहां उन्होंने अपने व मुख्यमंत्री के बीच ‘दूत’ की भूमिका निभा रहे मंत्री गायत्री प्रजापति, पूर्व मंत्री शिवपाल यादव और समर्थक विधायकों से चुनावी रणनीति पर लंबी चर्चा की। रात होते-होते मुलायम ने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।
युवा ब्रिगेड की पुरानी मांग
युवा ब्रिगेड अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की लंबे समय से मांग कर रही है। सपा में रार के पीछे यह भी एक कारण है। मुलायम ने कहा कि अब 403 विधानसभा क्षेत्रों में जाने का समय नहीं है। चुनाव करीब है। दो मंडलीय रैली कर चुका हूं। बाकी जल्द ही शुरू करूंगा।
पार्टी में कोई विवाद नहीं
मुलायम ने कहा कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है। सब एक हैं। कुछ मतभेद हैं, जिन्हें सुलझा लिया जाएगा। मुलायम ने फिर दोहराया कि एक व्यक्ति की वजह से कंफ्यूजन हो रहा था। इसे दूर कर लिया जाएगा। उनका इशारा रामगोपाल यादव की ओर था। टिकट बंटवारे पर कहा कि जो कुछ भी होगा, उसे ठीक कर लेंगे। कुछ टिकट बंट चुके हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री से बात कर लेंगे।
आयोग में जारी सपा का दंगल
समाजवादी पार्टी में पिता-पुत्र के बीच दंगल का एक और राउंड चुनाव आयोग के सामने हुआ। सोमवार को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने फिर आयोग पहुंच कर पार्टी पर अपना दावा पेश किया। मुलायम सिंह ने कहा कि अखिलेश गुट की ओर से एक जनवरी को बुलाया गया अधिवेशन अवैध है।
उनका कहना था कि यह अधिवेशन बुलाने वाले रामगोपाल को 30 दिसंबर को ही पार्टी से निकाला जा चुका था। इसके बाद अखिलेश की ओर से राज्यसभा में पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से भेंट की। उन्होंने आयोग से चुनाव चिह्न पर जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया। इस मुलाकात के लिए अखिलेश यादव भी आयोग जाने वाले थे, मगर बाद में उन्होंने यह जिम्मा रामगोपाल को दे दिया।