UTTARAKHAND

उत्तराखंड के नौ पर्वतीय जिलों में दी जा सकती है लाॅकडाउन में कुछ छूट !

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने मंत्रियों संग की देश और प्रदेश में लॉक डाउन से उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा

कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लॉक डाउन के दौरान लिए जाएंगे सामूहिक निर्णय : मुख्यमंत्री 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दिये संकेत

देहरादून । कोरोना वायरस से बचने के लिए केंद्र सरकार ने तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है। तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ने की घोषणा होने के बाद उत्तराखंड सरकार भी एक्टिव हो गई है।

सूबे के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ बैठक की। जिसके बाद उम्मीद की जा रही है लॉकडाउन 2.0 में उत्तराखंड के नौ जिलों में कुछ छूट दी जा सकती है। हालांकि, इस पर फैसला केंद्र सरकार की तरफ से गाइड लाइन आने के बाद ही किया जाएगा। 

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन तीन मई तक जो बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस दौरान मंत्री कौशिक ने बताया कि उनकी इस बारे में मुख्यमंत्री से बात हुई थी। मंत्री कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया है। 30 अप्रैल के बाद किन राज्यों को लॉकडाउन के दौरान छूट देनी है, इसकी गाइडलाइन बुधवार तक केंद्र सरकार राज्यों को दे देगी।

उत्तराखंड सरकार भी उसी गाइड लाइन को फॉलो करेगी। मंत्री कौशिक ने बताया कि उत्तराखंड के चार जिलों को छोड़ दे तो बाकी के जिले कोरोना से प्रभावित नहीं है। उन जिलों को कैसे खोल सकते हैं, इस पर पहले भी चर्चा हुई है। आगे की बैठकों में भी उस पर विचार विमर्श किया जाएगा।

अगर इन नौ जिलों को खोल दिया जाएगा तो अच्छा रहेगा। मंत्री कौशिक ने कहा कि इन नौ जिलों को तय समय के लिया खोला जा सकता है। बाहर से किसी भी व्यक्ति की जिलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, इन सब पर विचार केंद्र सरकार की गाइड लाइन के बाद ही किया जाएगा।

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में अपने मंत्रिपरिषद् के साथ देश में लॉक डाउन से उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, श्री सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, श्री सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत एवं श्रीमती रेखा आर्या उपस्थित रहे। कैबिनेट मंत्री श्री यशपाल आर्य हल्द्वानी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें सम्मिलित हुए। राज्य की वर्तमान हालातों पर सभी मंत्रीगणों द्वारा अपने विचार एवं सुझाव रखे गए।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इस आपदा को अवसर के रूप में किस प्रकार बदला जाए हमें इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन की स्थिति के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी होने वाले निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में तदनुसार ही कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को किस प्रकार मजबूती प्रदान की जाए इसकी भी हमारे सामने चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान बङी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे हैं। ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के लिए पलायन आयोग को निर्देश दिए जा रहे हैं। आयोग इनसे वार्ता कर उनसे सुझाव भी प्राप्त करेगा। यहां लौटे लोगों को यहां पर बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें रोका जा सकता है, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में यह कारगर प्रयास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में अधिक से अधिक सहयोग हेतु लोगों को प्रेरित किए जाने की जरूरत है। इस धनराशि से हम प्रदेश की जनता की बेहतरी के लिए भी कार्ययोजना बना सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कठिन दौर में जो लोग खाद्यान्न की कालाबाजारी करेंगे उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लॉक डाउन के दौरान सरकार द्वारा सामूहिक निर्णय लिए जाएंगे। इस संबंध में कोई भी विभाग अपने स्तर से किसी भी प्रकार का आदेश निर्गत नहीं कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में तैनात सभी लोगों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख की सम्मान निधि की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो इससे संबंधित प्रकरणों को देखेगा तथा किसी अनहोनी की स्थिति में उनके आश्रितों को यह धनराशि प्रदान करने की संस्तुति करेगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के व्यापक हित में भी कई निर्णय लिए गए हैं जिससे किसान, उद्यमी, व्यवसाय एवं आम उपभोक्ताओं को काफी सहूलियत होगी।

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