Science & Technology

युवाओं और प्रदेश की जनता में वैज्ञानिक चेतना बहुत जरुरी : प्रो. अशोक मिश्रा

14वीं उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस का उद्घाटन

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : प्रो. अशोक मिश्रा, भारतीय विज्ञान संस्थान, बगंलुरु ने कहा कि युवाओं और प्रदेश की जनता में वैज्ञानिक चेतना की महति आवश्यकता है ताकि गरीब जनता तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के परिणाम उनकी आर्थिक उन्नति में सहायक बन सकें। इन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला और समाज में इनोवेशन के बढ़ावे पर जोर दिया।

सम्बोधन से पूर्व प्रो. अशोक मिश्रा, भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, डाॅ. एस.एस. नेगी, उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड पलायन आयोग, आर.के. सुधांशु, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उत्तराखण्ड शासन, प्रो. मुकेश त्रिपाठी, निदेशक, एम्स, विजयवाड़ आन्ध्रप्रदेश, डा. प्रकाश चैहान, निदेशक, इण्डियन इन्स्टीटीयूट आफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून, डाॅ. आर.एस रावल, निदेशक, जी.बी. पन्त राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान, अल्मोड़ा एवं डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, महादिशेक, यूकाॅस्ट द्वारा संयुक्त रूप से राज्यभर से आये प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, अनुसंधान विद्वानों की उपस्थिति में विज्ञान धाम, झाझरा, देहरादून में 14वीं उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस-2.19-2. का द्वीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया।

उद्घाटन समारोह का स्वागत भाषण डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक, यूकाॅस्ट द्वारा दिया गया। उन्होंने आये सभी प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, अनुसंधान विद्वानों एवं शोध छात्रों का स्वागत किया। डाॅ. डोभाल ने आये सभी शोधार्थी से अहवान किया कि वे इस विज्ञान कांग्रेस में आये प्रसिद्ध विषय विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों से वार्ता कर अपनी वैज्ञानिक चेतना को जागृत करें और यूकाॅस्ट द्वारा उपलब्ध कराये प्लेटफार्म का लाभ उठाये।

आर.के. सुधांशु, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उत्तराखण्ड शासन ने सरकार की तरह से सभी आये हुए वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को कहा कि विज्ञान का जीवन का प्रत्येक क्षेत्र मंे उपयोग होता है इसलिए सभी को अपने अन्दर वैज्ञानिक चेतना को जाग्रत करना चाहिए साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि शीघ्र ही संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा यूकाॅस्ट विज्ञान धाम में साइंस सिटी का निर्माण शुरू हो जायेगा जिसमें केन्द्र द्वारा 6. प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा 4. प्रतिशत बजट का आवंटन होगा।

कार्यक्रम के दौरान द्वारा प्रो. हर्षा सिन्वाल, जियो फिजिसिस्ट, कोे पृथ्वी विज्ञान में, प्रो. डी.के. माहेष्वरी, पूर्व कुलपति गुरूकुल कांगड़ी विष्व विद्यालय, हरिद्वार को जीवविज्ञान के क्षेत्र में एवं डाॅ. रणवीर सिंह रावल, निदेशक, जी.बी. पन्त राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान, अल्मोड़ा को पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में ‘सांइस एण्ड टैक्नोलाजी एक्सैलेंस अवार्ड’ (Science & Technology Excellence Award) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री राम आसरे सिंह चैहान, सहायक अध्यापक, बी.एस.आर. , राजकीय इण्टर काॅलेज, बड़कोट उत्तरकाषी को ‘उत्कृष्ट विज्ञान शिक्षक पुरस्कार’ से यूकाॅस्ट व नासी द्वारा संयुक्त रूप से विज्ञान सम्बंधी कार्यों व उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया साथ ही उपस्थित विशिष्ठ अतिथियों द्वारा शोध संकलन पुस्तक (।इेजतंबज ठववाद्ध एवं हिमालयन नाॅलेज नेटववर्क के ब्रोचर का विमोचन किया गया।

प्रथम दिवस पूर्वाह्न में नासी विशिष्ट व्याख्यान प्रो. अशोक मिश्रा, भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगररू द्वारा Fostering Creativity and Innovation in Science and Technology’’ विषय पर दिया गया।

इस अवसर पर यूकाॅस्ट के संयुक्त निदेशक डाॅ. बी. पी. पुरोहित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। उन्होंने विज्ञान कांग्रेस में आये सभी ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह प्रादेशिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस युवा शोधार्थियों को अपने शोध कार्यांे पर वरिष्ठ वैज्ञानिकों से विचार-विमर्श करने, उन्हें बेहतर बनाने तथा नये शोध क्षेत्रों से उनका परिचय कराने व उनमें अभिरूचि उत्पन्न करने के लिए मंच प्रदान करता है ताकि वे अपने पर्वतीय क्षेत्र के निवासियों के विकास में अपना योगदान दे सकें।

कार्यक्रम का संचालन मोना बाली द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सम्भव विचार मंच की टीम ने विज्ञान से सम्बंधित बहुत ही रोचक नुक्कड़ नाटक का सजीव प्रदर्शन किया।

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