HARIDWARUttarakhand

प्राथमिक स्कूल का गेट न खुलने पर छात्रों को सड़क पर ही करनी पड़ी प्रार्थना

प्रधानाचार्य की लापरवाही का एक नमूना 

लालढांग, (हरिद्वार) : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को लेकर भले ही सरकार व  न्यायालय चिंतित हो, लेकिन विद्यालय के मास्साब व प्रधान अध्यापक को इसकी जरा भी परवाह नहीं है। हरिद्वार में हालिया मामले में विद्यालय के मुख्य द्वार का ताला देरी से खुलने के कारण स्कूली बच्चों को मुख्य सड़क पर दैनिक प्रार्थना और राष्ट्र गीत गाना पड़ा। राजकीय प्राथमिक विद्यालय लालढांग में कक्षा एक से पांच तक के छात्रों की संख्या 159 है। विद्यालय के खुलने का समय सुबह साढ़े नौ बजे निर्धारित किया गया है, लेकिन प्रधानाध्यापक सुभाष पाल के देरी से पहुंचने के कारण विद्यालय का गेट नहीं खुला। प्रधान अध्यापक दस बजकर चार मिनट पर पहुंचे।

अस्पताल में की सफाई जिस कारण विद्यालय के अन्य अध्यापकों ने विद्यालय में होने वाली दैनिक प्रार्थना को विद्यालय के बाहर मुख्य मार्ग करानी शुरू कर दी। आसपास के लोग पहली बार सड़क पर प्रार्थना होते देख अचरज में पड़ गये। जब उन्होनें मामले की जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक के नहीं पहुंचने के कारण सड़क पर प्रार्थना करानी पड़ी है और बच्चे सड़क पर खड़े हैं।

प्रधान अध्यापक ने दस बजकर चार मिनट पर विद्यालय का गेट खोला, जिसके बाद बच्चे परिसर में पहुंच गए। इस बीच ग्राम प्रधान प्रताप सिंह लिंगवाल ने विद्यालय परिसर में पहुंचकर विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का आरोप लगाकर कक्षाओं में ताला लगा दिया। बच्चों को घर जाने के लिए कहा गया।

सूचना मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल मौके पर पहुंची। ग्राम प्रधान प्रताप सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी से विद्यालय के सारे स्टाफ का तबादला करने की मांग की है। खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल ने बताया कि विद्यालय का ताला देरी से खोलने के लिए स्कूल के प्रधान अध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। ग्रामीणों की मांग की उच्चाधिकारियों के सामने रख दिया जायेगा। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी दिनेशचंद्र डिमरी ने बताया कि सुभाष पाल एक मामले में निलंबित चल रहे थे। तीन दिन पहले ही हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद उन्होंने प्रधान अध्यापक का चार्ज लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

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