RUDRAPRAYAG
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भारी अव्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालु परेशान
केदार यात्रा में घोड़े-खच्चर संचालकों ने मचाई लूट …..
- -निर्धारित किराये से अधिक वसूला जा रहा किराया
- -घोड़े-खच्चर संचालक ने लिये यात्री से ग्यारह हजार रूपये
- -ओवररेटिंग पर घोड़ा संचालक के खिलाफ 420 का मुकदमा किया दर्ज
- -केदारनाथ आने-जाने का 27 सौ व एकतरफ का किराया 15 सौ निर्धारित
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । केदारयात्रा में हजारों की संख्या में देश-विदेश से हर दिन तीर्थयात्री पहुंच रहे है। तीर्थयात्री यात्रा पड़ाव सोनप्रयाग और गौरीकुंड में बेहद ही परेशान हो रहे हैं। उन्हें समय से घोड़ा-खच्चर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिस कारण उनसे मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। केदारनाथ यात्रा पर आये यात्री पंवार राजेंद्र केरू पुत्र केरू लक्ष्मण पंवार निवासी चिन्नर जिला नासिक (महाराष्ट्र) गौरीकुंड में घोड़े-खच्चर को लेकर परेशान घूम रहा था। जब उसे घोड़ा-खच्चर संचालक नहीं मिला तो उसने चैकी इंचार्ज गौरीकुंड रजबर सिंह राणा के पास जाकर बताया कि एक घोड़ा-खच्चर संचालक ने उनसे घोड़ा बुकिंग के ग्यारह हजार रूपये ले लिए हैं और पैंसा लेने के बाद वह गायब हो गया है।
पैंसे लेने की कोई रसीद यात्री को नहीं दी गई है। इस पर चौकी इंचार्ज ने यात्री को घोड़े खच्चरों का सही रेट बताया। यात्री ने चौकी इंचार्ज को शिकायत पत्र दिया, जिसके आधार पर घोड़ा-खच्चर संचालक के विरुद्ध धारा 420 आईपीसी का मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचक एसआई विजेंद्र सिंह कुमाई ने अभियुक्त की ढूंढखोज की तो वह घोड़ा पड़ाव पर मिला और कार्यवाही शुरू की गई।
रुद्रप्रयाग जिले के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यात्रा शुरू होने के बाद से ओवररेटिंग की शिकायत आ रही है। इसके लिए पुलिस की टीम बनाई गई है। यात्री बनकर पुलिस की टीम जांच पड़ताल करने में लगी हुई है। जब यात्री पुलिस प्रशासन को लिखित जानकारी देंगे, तभी कार्यवाही की जा सकती है। देश-विदेश से आ रहे तीर्थयात्रियों को ऐसे घोड़े-खच्चर संचालकों के खिलाफ लिखित में शिकायत देनी चाहिए, जिससे पुलिस की ओर से त्वरित कार्यवाही की जा सके।
उन्होंने बताया कि एक यात्री ने घोड़ा-खच्चर संचालक हिमांशु कुमार पुत्र मेहर सिंह निवासी ग्राम शहादतपुर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश के खिलाफ शिकायत पत्र दिया और पुलिस की ओर से लिखित में शिकायत मिलने पर घोड़ा खच्चर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि गौरीकुंड से आने-जाने का 2700 और एकतरफा का पन्द्रह सौ रूपये किराया निर्धारित किया गया है।
-नाक में रूमाल लगाकर कर रहे श्रद्धालु केदार यात्रा
-शौचालय की नहीं है सुविधा, पानी, बिजली से जूझ रहे यात्री
-केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याओं का अम्बार
केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। आलम यह है कि यात्रा के बारह दिनों में ही व्यवस्थाओं की हव्वा निकल गई है। पानी, बिजली, शौचालय, गैस की समस्या से तीर्थयात्री जूझ रहे हैं। यहां तक की यात्रियों को रहने की भी मुसीबत हो रही है। यात्रा पड़ावों में फैली समस्याओं से तीर्थयात्री अच्छा संदेश लेकर नहीं जा रहे हैं।
नौ मई को भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही केदार यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याएं बनी हुई है। तीर्थयात्रियों को आये दिन किसी न किसी मुसीबत से जूझना ही पड़ रहा है। यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारी भी समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में स्थानीय व्यापारियों एवं तीर्थयात्रियों की मुसीबते बढ़ना लाजमी है। यात्रा से पूर्व प्रशासन की ओर से किये गये सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अधिकारियों के बीच सामंजस्य कई भी नजर नहीं आ रहा है। व्यापारियों की शिकायत पर अधिकारी कोई गौर नहीं कर रहे हैं। गौरीकुण्ड बाजार केदारनाथ धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहीं से ही भगवान केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती है। 19 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचते हैं, लेकिन यात्रा के शुरूआती पड़ाव में ही तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
गौरीकुण्ड बाजार में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं तो पानी की समस्या चार-पांच दिनों से बनी हुई है। इसके अलावा शौचालय भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है। लाइन लगाकर यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। शौचालय की गंदगी सीधे मंदाकिनी नदी में प्रवाहित हो रही है। गर्म कुण्ड के पास यात्री नहा रहे हैं और उनके तन का मैल नदी में जा रही है। यात्रा पड़ाव में ऐसी गंदगी पहले कभी देखने को नहीं मिली, जितनी इस बार देखने को मिल रही है। चार साल से सुलभ इंटरनेशनल को शौचालय बनाने का जिम्मा दिया गया है, लेकिन सुलभ की ओर से सिर्फ करोड़ों के धन का वारा-न्यारा किया गया। यात्रा पड़ावों पर बने शौचालयों में घटिया कार्य किया गया है, जबकि शौचालय भी पूरे नहीं बने हैं। इन शौचालयों की गंदगी नदी में प्रवाहित हो रही है। इसके अलावा पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से यात्री परेशान हैं। तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों की लीद से फिसल रहे हैं, जबकि यात्रा मार्ग पर गंदगी फैले होने से तीर्थयात्री नाक में रूमाल बांधकर चल रहे हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुण्ड अरविंद ने कहा कि यात्रा पड़ावों में अव्यवस्थाएं फैली होने से तीर्थयात्री परेशान हैं।
यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। गौरीकुंड में सफाई के बुरे हाल हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक घोड़े-खच्चरों की लीद से यात्रा मार्ग गंदा हो गया है। नमामि गंगे योजना पर पलीता लग रहा है। सुलभ इंटरनेशन अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहा है। बाहरी व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है। तीर्थयात्रियों के लिए पर्याप्त मात्रा में शौचालय नहीं बनाये गये हैं और सुलभ इंटरनेशनल का व्यापार संघ को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रूपयों का वारा-न्यारा किया जा रहा है। गर्मकुण्ड के नजदीक बने शौचालय से गंदगी बाहर निकल रही है और शौचालय का यात्रियों से पैंसा वसूला जा रहा है। पानी के लिए जल संस्थान के अवर अभियंता को कहा गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को दुरूस्त नहीं किया गया तो 23 मई के बाद सुलभ इंटरनेशनल और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा।
- -खाई में गिरे साधु को पुलिस के जवानों ने निकाला
- -प्राथमिक उपचार के बाद साधु को श्रीनगर किया गया रेफर
रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग मुख्यालय से तीन किमी आगे तिलनी के पास खाई में गिरे एक साधु को पुलिस के जवानों ने रेस्क्यू कर सड़क मार्ग पर पहुंचाया। जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार देने के बाद साधु को बेस चिकित्सालय श्रीनगर के लिए रेफर किया गया।
सोमवार को पुलिस कण्ट्रोल रूम को सूचना मिली कि एक साधु बाबा रुद्रप्रयाग से तीन किमी आगे लमेरी तिलणी के पास सडक लगभग डेढ़ सौ मीटर नीचे खाई में गिर गया है। पुलिस कर्मी रेस्क्यू उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा साधु को खाई से निकालने का रेस्क्यू शुरू किया गया। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद साधु को सकुशल सड़क मार्ग तक पहुंचाया। उस वक्त बाबा की हालत बहुत नाजुक थी, जिसके बाद पुलिस वाहन के बाद पुलिस कर्मियों ने साधु को उपचार के लिए जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में भर्ती कराया।
जब साधु को होश आया तो उसने अपना नाम हंसराज महाराज निवासी मथुरा बताया। डॉक्टर्स ने उसकी हालत नाजुक देखते हुए उन्हे बेस चिकित्सालय श्रीनगर रेफर किया। पुलिस टीम में पुलिस कर्मी मुन्ना सिंह चैहान, मनोज खत्री, हरेंद्र बिष्ट, सतीश भटगाईं अभिषेक कुमार मौजूद थे।