- भूमि घोटाले के सबूत शासन के समक्ष हुए प्रस्तुत!
- आने वाले दिनों में आईएएस पांडे की और बढ़ सकती है मुश्किलें !
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । एनएच 74 भूमि घोटाले में आरोपी आईएएस पंकज पांडे के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिये हैं। एसएसपी ऊधमसिंह नगर कृष्ण कुमार वीके ने इसकी पुष्टि की है। फिलहाल आईएएस पांडेय 30 अक्टूबर तक नैनीताल हाई कोर्ट के स्टे पर हैं। शासन के निर्देश के बाद ही मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम हरकत में आ गयी है। वहीं राज्य सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति पर कड़े रुख और मामले में दोषियों को सजा दिलाने की अडिगता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है अगले एक -दो दिन में भारत सरकार का कार्मिक निदेशालय (DOPT ) स्वीकृति दे सकता है।
आइएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडेय पर कृषि भूमि को अकृषि दिखाने तथा तय कीमत से कई गुनाअधिक मुआवजा देने के साथ ही सरकारी जमीनों का मुआवजा देने का आरोप है। वहीं, आइएएस चंद्रेश यादव पर भी कृषि भूमि को अकृषि दिखाने और तय कीमत से अधिक मुआवजा देने का आरोप है। शासन ने दोनों अधिकारियों का निलंबन करने के साथ ही उन्हें चार्जशीट भी सौंपी है। दोनों अधिकारियों ने इस मामले में जवाब देने से पहले सूचना के अधिकार के तहत एसआइटी की जांच रिपोर्ट मांगी थी, जिसे शासन दे चुका है। इसके अलावा अधिकारियों को जवाब देने का और अधिक समय भी दिया गया है। इसके साथ ही शासन ने आइएएस पंकज कुमार पांडेय पर अभियोजन चलाने के लिए डीओपीटी की अनुमति मांगी थी। इस पर डीओपीटी ने शासन से एसआइटी की जांच का ब्योरा अंग्रेजी अनुवाद में मांगा है। जिसे शासन ने एसआइटी को उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं, सूत्रों की मानें तो इसके साथ ही डीओपीटी के रुख को भांपते हुए शासन ने अब आइएएस अधिकारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय पर अभियोजन चलाने की अनुमति दे दी है। इससे उन पर मुकदमा चलाने का रास्ता भी साफ हो गया है।
गौरतलब है कि एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले का पर्दाफाश में करोड़ों के भूमि घोटाले की आंच में कई अधिकारी और किसान आये थे तथा इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। जैसे जैसे यह जांच आगे बढ़ती गयी वैसे वैसे मामले का खुलासा होता गया और करोड़ों के इस भूमि घोटाले की आंच में आईएएस अधिकारी पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव तक के दामन तक जा पहुंची जो भूमि घोटाले के दौरान उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी थे और बतौर आर्बिट्रेटर इस भूमि मामले सम्बन्धी कुछ मुआवजे के फैसले उन्हीं के आदेश पर हुए थे।
करोड़ों के भूमि घोटाले की जद में जब दो आईएएस अधिकारी आये तो पूरे उत्तराखंड में हड़कम्प मच गया। वहीं सूबे की ब्यूरोक्रेसी में तब और बेचैनी दिखाई दी जब प्रदेश सरकार ने कठोर कदम उठाते हुए दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर डाला। कई महीनों तक इस मामले की जांच एसआईटी ने की थी और एक के बाद एक इस भूमि घोटाले के सबूत शासन के समक्ष प्रस्तुत किये थे। शासन ने सबूतों का गहनता से अध्ययन किया और अब इस भूमि घोटाले में लिप्त आईएएस अधिकारी पंकज पांडे के खिलाफ अभियोजन दर्ज करने की स्वीकृति दे दी है जिससे आने वाले दिनों में आईएएस पांडे की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। फिलहाल उन्होंने नैनीताल उच्च न्यायालय से 30 अक्टूबर तक का स्टे ले रखा है। ऐसे में शासन के आदेश के बाद उन पर मुकदमा दर्ज होना लगभग तय माना जा रहा है।