- पहाड़ों पर डॉक्टरों की तैनाती को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : एक तरफ सरकार पहाड़ पर डॉक्टरों की कमी का रोना रो रही तो दूसरी तरफ सरकार खुद ही उन्हें पहाड़ पर जाने से रोक रही है। हल्द्वानी के बेस अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने जब पौड़ी में सेवा देने की इच्छा जताई तो उन्हें भेजने की बजाए ऋषिकेश में तैनात डॉक्टर को अस्थायी व्यवस्था के तौर पर पौड़ी भेज दिया गया।
एक जानकारी के मुताबिक सरकार की पहाड़ों पर डॉक्टरों की तैनाती को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है, यही कारण है कि राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी होती रही है वहीँ दूसरी तरफ सरकार सिफारिश और जुगाड़ के बल पर पहाड़ में तैनात डॉक्टरों को मैदान में उतार रही है जिससे भी पर्वतीय इलाकों में डॉक्टर्स की कमी हो रही है। चर्चा है कि एक डॉक्टर तो स्वास्थ्य सचिव ने बिना काम के अपने साथ इसलिए रखा हुआ है ताकि वह स्वास्थ्य महानिदेशालय की जासूसी कर उनको फीड बैक देता रहे। इतना ही नहीं सरकार ने तीन डॉक्टर्स को दिल्ली तक तैनाती दे दी वह तब जबकि पहाड़ में डॉक्टर्स की कमी का सबको पता है।
यह हाल सरकार का तब है जब वह पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी के पीछे सरकार चिकित्सकों के पहाड़ पर तैनाती की अनिच्छा को सबसे बड़ा कारण बताती है। जबकि हल्द्वानी के बेस अस्पताल में तैनात एमडी मेडिसिन डॉ.अमित रौतेला ने पौड़ी जिला अस्पताल में तैनाती की मांग की। पौड़ी में फिजीशियन का पद खाली है लेकिन उन्हें दो महीने बाद भी पौड़ी में तैनाती नहीं दी गई।
इतना ही नहीं पौड़ी में तैनाती के लिए डॉ.रौतेला ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत से खुद मुलाकात कर आवेदन दिया लेकिन उस पर कोई विचार नहीं हुआ। पौड़ी में डॉक्टरों की तैनाती के लिए आंदोलन हुआ तो ऋषिकेश अस्पताल में तैनात डॉ.सुरेश कोठियाल को 15-15 दिन की व्यवस्था के तहत पौड़ी भेज दिया गया।
इस संबंध में डॉ.टीसी पंत का कहना है कि सरकार भी चाहती है कि सभी अस्पतालों में फिजीशियन तैनात हों लेकिन हल्द्वानी में भी एक ही फिजीशियन हैं। इसके चलते डॉ. रौतेला को पौड़ी नहीं भेजा जा सका। विभाग को जल्द ही कुछ और फिजीशियन मिलने वाले हैं, इसके बाद पौड़ी में फिजीशियन तैनात कर दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि पहाड़ पर सेवा के लिए डॉक्टर आगे आएं।
वहीँ अपनी तैनाती पौड़ी में चाहने वाले डॉक्टर अमित रौतेला का कहना है कि पौड़ी जिला अस्पताल में फिजीशियन का पद खाली चल रहा है। पहाड़ में सेवा देने की इच्छा के चलते मैंने स्वास्थ्य महानिदेशक से वहां तैनाती का अनुरोध किया था। इस मामले में अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। मुझे हल्द्वानी में भी काम करने में कोई परेशानी नहीं है।