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ड्राइवरों को न्यूनतम वेतन और बीमा अनिवार्य: ओला-उबर जैसी कैब कंपनियों के लिए परिवहन मंत्रालय के नए दिशा निर्देश…

ड्राइवरों को न्यूनतम वेतन और बीमा अनिवार्य: ओला-उबर जैसी कैब कंपनियों के लिए परिवहन मंत्रालय के नए दिशा निर्देश…

नई दिल्‍ली।

परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऐप-आधारित कैब सेवाओं जैसे ओला, उबर, रैपिडो को बेहतर बनाने के लिए नए मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशा निर्देशजारी किए हैं. ये दिशानिर्देश मोटर वाहन अधिनियम, 1988 पर आधारित हैं और ड्राइवरों तथा यात्रियों दोनों के लिए सुरक्षा, पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करते हैं. पहले ड्राइवरों को कम आय, अचानक नौकरी से निकाले जाने, बीमा की कमी और नियमों का स्‍पष्‍ट न होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग अजय टमटा के अनुसार नए दिशानिर्देश इन समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं. अब कैब कंपनियों को ड्राइवरों को न्यूनतम आय की गारंटी देनी होगी, जो राज्य सरकारें तय करेंगी. ड्राइवरों को रोजाना, साप्ताहिक या हर 15 दिन में भुगतान मिलेगा. साथ ही, हर ड्राइवर को कम से कम 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस देना अनिवार्य होगा. इससे ड्राइवरों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी. कंपनियों का कमीशन अब किराए का 20% से ज्यादा नहीं होगा, ताकि ड्राइवरों को उनकी मेहनत का उचित हिस्सा मिले.

केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के अनुसार इसके अलावा, किराया, कटौती और जुर्माने की जानकारी में ट्रांसपैरेंसी रखनी होगी. ड्राइवरों के लिए 40 घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी अनिवार्य होगा, जिसमें सड़क सुरक्षा, यातायात नियम, डिजिटल साक्षरता और ग्राहक व्यवहार जैसे विषय शामिल होंगे. यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. ड्राइवरों की पुलिस जांच, स्वास्थ्य जांच और व्यवहार प्रशिक्षण अनिवार्य होगा. हर गाड़ी में जीपीएस, आपातकालीन बटन और ट्रिप-शेयरिंग सुविधा होगी. सर्ज प्राइसिंग (अधिक मांग पर किराया बढ़ाना) को 1.5 से 2 गुना तक सीमित किया गया है. किराए का पूरा ब्योरा यात्रियों को दिखाया जाएगा. डेटा गोपनीयता के लिए, कंपनियों को उपयोगकर्ता डेटा भारत में स्टोर करना होगा।

अजय टमटा के अनुसार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, दिव्यांगजनों के लिए गाड़ियां और ड्राइवरों में उनकी हिस्सेदारी अनिवार्य होगी. साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को अपने बेड़े में इन्हें शामिल करना होगा. यह दिशानिर्देश केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से लागू होंगे. राज्य सरकारें लाइसेंस, किराया नियंत्रण और नियम लागू करेंगी. यह कदम ड्राइवरों को सम्मान और यात्रियों को सुरक्षित, किफायती यात्रा का अधिकार देगा.

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