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चंद्रग्रहण के चलते सूतक काल में बंद रहेंगे चारधामों के कपाट
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16 जुलाई को दोपहर बाद चार बजकर 25 मिनट पर बंद होंगे कपाट
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17 जुलाई की भोर मंगल आरती पर पौबे छह बजे खुलेंगे कपाट
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चंद्रग्रहण के चलते सूतक काल में बंद रहेंगे चारधामों के कपाट16 जुलाई को दोपहर बाद चार बजकर 25 मिनट पर बंद होंगे कपाट 17 जुलाई की भोर मंगल आरती पर पौबे छह बजे खुलेंगे कपाट देवभूमि मीडिया ब्यूरो 149 साल पहले था इसी तरह चंद्र ग्रहण12 जुलाई, 1870 को 149 साल पहले गुरु पूर्णिमा पर ही चंद्र ग्रहण हुआ था। उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था। सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित थे।देहरादून । चंद्रग्रहण के सूतक के चलते गुरु पूर्णिमा के दिन मंगलवार 16 जुलाई से 17 जुलाई बुधवार सुबह तक चारों धामों प्रदेश के सभी मंदिरों के कपाट रहेंगे। हालांकि चंद्रग्रहण की अवधि दो घंटे 59 मिनट की होगी। इस बार चंद्र ग्रहण पूरे भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।वहीं बद्रीनाथ केदारनाथ धाम में कपाट मंदिर समिति के अनुसार 16 जुलाई को अपराह्न 4:25 मिनट पर बंद हो जाएंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी एवं मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इसके लिए अपराह्न 3:15 मिनट पर मंगल आरती होगी। 3:45 बजे भोग और शयन आरती होगी। सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे। बुधवार 17 जुलाई को रात 1:31 से सुबह 4:31 मिनट तक 3 घंटे का चंद्रग्रहण है। 17 जुलाई को सुबह 4:40 बजे बदरीनाथ धाम की घंटी बजेगी। सुबह 6 बजे अभिषेक पूजा होगी। बाकि पूजा यथावत चलेगी।बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचन्द्र उनियाल ने बताया कि ग्रहणकाल से 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है। चन्द्रग्रहण में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में सूतक के चलते कपाट बंद और खुलने की एक ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 17 जुलाई को चन्द्रग्रहण खत्म होने के बाद सुबह बदरी-केदार धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। सूतक के चलते बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन आने वाले सभी मंदिर बंद रहेंगे।तीर्थ पुरोहित श्री भाष्कर डिमरी के अनुसार चन्द्र ग्रहण के दौरान श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम के कपाट 16 जुलाई को दोपहर बाद चार बजकर 25 मिनट पर बंद हो जायेंगे। कपाट बंद होने से पूर्व शाम तीन बजकर 15 मिनट पर सांयकालीन मंगल आरती की जाएगी और अपराह्न तीन बजकर 45 मिनट पर भोग और शयन आरती संपन्न होने के बाद अगले दिन प्रातः पौने छह बजे खोले जायेंगे।चंद्रग्रहण के तुरंत बाद करें ये आवश्यक काम……चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद घर में शुद्धता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव जरूर करें।
ग्रहण के बाद स्नान करके भगवान की मूर्तियों को भी स्नान करवाकर ही उनकी पूजा करें।
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें। निकलना अगर जरूरी हो तो गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा के लिए चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप अवश्य लगाकर निकलें।गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित और गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि 16 जुलाई की देर रात एक बजकर 31 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा। ग्रहण मध्य रात तीन बजे और मोक्ष 17 जुलाई को भोर चार बजकर 30 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट होगी।चंद्र ग्रहण का यह रहेगा समय …चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की मध्यरात्रि में खंडग्रास रात 1 बज कर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बज कर 31 मिनट तक रहेगा। बात अगर सूतक काल की करें तो यह 9 घंटे तक रहेगा। जो कि 16 जुलाई की शाम 4 बज कर 31 मिनट से शुरू होगा और 17 जुलाई सुबह पौने छह बजे तक रहेगा।उन्होंने बताया कि चन्द्र ग्रहण आरंभ होने से नौ घंटे पहले यानी शाम चार बजकर 30 मिनट पर सूतक आरंभ हो जाएगा। इसलिए 16 जुलाई की शाम तीन बजकर 45 मिनट पर गंगा आरती की जाएगी। ठीक चार बजे मां गंगा को राजभोग लगाया जाएगा। जिसके बाद चार बजकर दस मिनट पर कपाट अगले दिन तक के लिए बंद किए जाएंगे।बुधवार की सुबह यानि 17 जुलाई की भोर मंगल आरती पांच बजकर 45 मिनट पर होगी। इसके बाद ही मंदिर का कपाट सामान्य दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा। इसी तरह से यमुनोत्री धाम और उत्तरकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर के कपाट भी सूतक काल के लिए बंद रहेंगे।
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
149 साल पहले था इसी तरह चंद्र ग्रहण
12 जुलाई, 1870 को 149 साल पहले गुरु पूर्णिमा पर ही चंद्र ग्रहण हुआ था। उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था। सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित थे।
देहरादून । चंद्रग्रहण के सूतक के चलते गुरु पूर्णिमा के दिन मंगलवार 16 जुलाई से 17 जुलाई बुधवार सुबह तक चारों धामों प्रदेश के सभी मंदिरों के कपाट रहेंगे। हालांकि चंद्रग्रहण की अवधि दो घंटे 59 मिनट की होगी। इस बार चंद्र ग्रहण पूरे भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।
वहीं बद्रीनाथ केदारनाथ धाम में कपाट मंदिर समिति के अनुसार 16 जुलाई को अपराह्न 4:25 मिनट पर बंद हो जाएंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी एवं मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इसके लिए अपराह्न 3:15 मिनट पर मंगल आरती होगी। 3:45 बजे भोग और शयन आरती होगी। सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे। बुधवार 17 जुलाई को रात 1:31 से सुबह 4:31 मिनट तक 3 घंटे का चंद्रग्रहण है। 17 जुलाई को सुबह 4:40 बजे बदरीनाथ धाम की घंटी बजेगी। सुबह 6 बजे अभिषेक पूजा होगी। बाकि पूजा यथावत चलेगी।
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचन्द्र उनियाल ने बताया कि ग्रहणकाल से 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है। चन्द्रग्रहण में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में सूतक के चलते कपाट बंद और खुलने की एक ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 17 जुलाई को चन्द्रग्रहण खत्म होने के बाद सुबह बदरी-केदार धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। सूतक के चलते बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन आने वाले सभी मंदिर बंद रहेंगे।
तीर्थ पुरोहित श्री भाष्कर डिमरी के अनुसार चन्द्र ग्रहण के दौरान श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम के कपाट 16 जुलाई को दोपहर बाद चार बजकर 25 मिनट पर बंद हो जायेंगे। कपाट बंद होने से पूर्व शाम तीन बजकर 15 मिनट पर सांयकालीन मंगल आरती की जाएगी और अपराह्न तीन बजकर 45 मिनट पर भोग और शयन आरती संपन्न होने के बाद अगले दिन प्रातः पौने छह बजे खोले जायेंगे।
चंद्रग्रहण के तुरंत बाद करें ये आवश्यक काम……
चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद घर में शुद्धता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव जरूर करें।
ग्रहण के बाद स्नान करके भगवान की मूर्तियों को भी स्नान करवाकर ही उनकी पूजा करें।
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें। निकलना अगर जरूरी हो तो गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा के लिए चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप अवश्य लगाकर निकलें।
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित और गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि 16 जुलाई की देर रात एक बजकर 31 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा। ग्रहण मध्य रात तीन बजे और मोक्ष 17 जुलाई को भोर चार बजकर 30 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट होगी।
चंद्र ग्रहण का यह रहेगा समय …
चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की मध्यरात्रि में खंडग्रास रात 1 बज कर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बज कर 31 मिनट तक रहेगा। बात अगर सूतक काल की करें तो यह 9 घंटे तक रहेगा। जो कि 16 जुलाई की शाम 4 बज कर 31 मिनट से शुरू होगा और 17 जुलाई सुबह पौने छह बजे तक रहेगा।